Karnataka Crisis: बागी विधायकों को मनाने की कोशिश जारी, पर नहीं दिए कोई संकेत

Karnataka Crisis पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता सिद्धारमैया रविवार को बागी विधायक रामालिंगा रेड्डी से मिले।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 14 Jul 2019 08:30 PM (IST) Updated:Sun, 14 Jul 2019 09:53 PM (IST)
Karnataka Crisis: बागी विधायकों को मनाने की कोशिश जारी, पर नहीं दिए कोई संकेत
Karnataka Crisis: बागी विधायकों को मनाने की कोशिश जारी, पर नहीं दिए कोई संकेत

बेंगलुरु, प्रेट्र/एएनआइ। कर्नाटक में सियासी ड्रामे के बीच पल-पल घटनाक्रम बदल रहा है। एक दिन पहले इस्तीफा वापस लेने की बात कहने वाले कांग्रेस के बागी विधायक एमटीबी नागराज पलट गए हैं। उन्होंने कहा है कि इस्तीफा वापस लेने का सवाल ही नहीं। कांग्रेस ने उम्मीद जताई है कि उसके विधायक लौट आएंगे और गठबंधन सरकार को बचा लेंगे। वहीं, कांग्रेस और जदएस के 15 बागी विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होगी। अदालत ने स्पीकर से तब यथास्थिति बनाए रखने को कहा है।

कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले डीके शिवकुमार और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से शनिवार को मुलाकात के बाद नागराज ने पार्टी के साथ बने रहने की इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा था कि आखिरी फैसला वह साथी विधायक के सुधाकर से मिलने के बाद करेंगे।

बागी विधायकों को मनाकर वापस लाने की बात कह कर नागराज मुंबई आए थे। लेकिन मुंबई पहुंचते ही उनके सुर बदल गए। मुंबई में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस्तीफा वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। नागराज को मिलाकर मुंबई में डेरा जमाए बागी विधायकों की संख्या 15 हो गई है।


रेड्डी ने नहीं दिए कोई संकेत
कांग्रेस के एक और विधायक रामलिंगा रेड्डी ने भी विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। रविवार को पूर्व मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया, कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ईश्वर खंडरे और पार्टी के वरिष्ठ नेता एचके पाटिल ने रेड्डी से उनके घर जाकर मुलाकात की। सभी रेड्डी को लगभग दो घंटे तक इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाते रहे, लेकिन रेड्डी ने उन्हें कोई संकेत नहीं दिए। मुलाकात के बाद खंडरे ने उम्मीद जताई कि वह पार्टी में बने रहेंगे और विधानसभा से अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे।

कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई
मुख्यमंत्री कुमारस्वामी द्वारा विश्वासमत हासिल करने की घोषणा के बाद कांग्रेस खेमे में हलचल बढ़ गई है। हालांकि, अभी विश्वास प्रस्ताव की तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन तेरह महीने पुरानी गठबंधन सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस ने मुहिम तेज कर दी है। कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने यहां रविववार को पार्टी के विधायकों के साथ बैठक की। उन्होंने कल कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है। पार्टी ने उम्मीद जताई है कि सभी विधायक शामिल होंगे। कांग्रेस नेता शिवकुमार ने परोक्ष रूप से बागी विधायकों को धमकाते हुए कहा, 'कानून स्पष्ट है। अगर विश्वास मत प्रस्ताव के खिलाफ विधायक मतदान करते हैं तो उनकी सदस्यता चली जाएगी।' उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी बागी विधायकों की सभी मांगें मानने के लिए भी तैयार है।

बगावत के पीछे भाजपा : शिवकुमार
शिवकुमार ने राज्य में जारी सियासी संकट के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि बागी विधायकों को मुंबई ले जाने से लेकर उन्हें होटल में ठहराने तक का काम भाजपा ने किया है। लेकिन वह इसे स्वीकार नहीं कर रही है। हालांकि, नागराज ने शिवकुमार के आरोपों को आधारहीन बताया है। नागराज ने इस बात से भी इन्कार किया कि वरिष्ठ भाजपा नेता आर अशोक भी उनके साथ विमान से मुंबई गए थे।

येद्दयुरप्पा ने सीएम से तत्काल इस्तीफा मांगा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा ने कहा है कि गठबंधन सरकार ने बहुमत खो दिया है। अगर मुख्यमंत्री कुमारस्वामी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के प्रति ईमानदार हैं तो उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए या सोमवार को सदन में बहुमत साबित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस व जदएस के 16 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है और निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार से समर्थन वापस लेकर भाजपा का समर्थन करने का ऐलान किया है।

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