जितेंद्र सिंह ने कहा- जल्द ही कैट के दायरे में आएगा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर

कैट के सदस्यों की संख्या 66 होनी चाहिए। कई पद खाली होने के कारण इस समय फिलहाल सदस्यों की संख्या 39 है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 16 Feb 2020 11:10 PM (IST) Updated:Sun, 16 Feb 2020 11:10 PM (IST)
जितेंद्र सिंह ने कहा- जल्द ही कैट के दायरे में आएगा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर
जितेंद्र सिंह ने कहा- जल्द ही कैट के दायरे में आएगा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर

राज्य ब्यूरो, जम्मू। प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर जल्द ही सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) के दायरे में आ जाएगा। कैट को इस केंद्र शासित प्रदेश में गैर केंद्रीय व केंद्र शासित प्रदेश सेवाओं संबंधी विवादों का निपटारा करने का अधिकार होगा।

दिल्ली में कैट का अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन

जितेंद्र सिंह ने कहा है कि पहले जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय सेवाएं कैट के दायरे में थीं, अब केंद्र शासित सेवाओं के साथ गैर केंद्रीय सेवाओं संबंधी विवादों को निपटारा भी इसके दायरे में होगा। वह दिल्ली में कैट की अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। जितेंद्र कैट के नोडल विभाग के प्रभारी भी हैं। इस कांफ्रेंस की अध्यक्षता केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने की।

जितेंद्र ने कहा- जम्मू-कश्मीर में जल्द ही कैट की बेंच बनेगी

जितेंद्र ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में जल्द ही कैट की बेंच बनेगी। इसके सदस्यों की नियुक्ति जल्द की जाएगी। ऐसा होने तक चंडीगढ़ सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल का बेंच जम्मू-कश्मीर में सेवा विवादों व अन्य मामलों में निपटारे कर सकेगा।

कैट के सदस्यों की संख्या 66 होनी चाहिए, इस समय यह संख्या 39 है

उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के सदस्यों की नियुक्ति को लेकर कार्रवाई कर रहा है। कैट के चेयरमैन द्वारा भेजी गई जरूरतों के आधार पर खाली पदों को भरने की दिशा में कार्रवाई जारी है। उन्होंने बताया कि कैट के सदस्यों की संख्या 66 होनी चाहिए। कई पद खाली होने के कारण इस समय फिलहाल सदस्यों की संख्या 39 है। इन खाली पदों को भरने की दिशा में सरकार गंभीरता से काम कर रही है।

जम्मू-कश्मीर पंचायत उपचुनाव में नेकां उतरने को तैयार

जम्मू-कश्मीर में होने वाले पंचायत उपचुनाव के मैदान में नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) भी उतरने के लिए तैयार है। हालांकि पार्टी ने शर्त रखी है कि उसके नेताओं को रिहा किया जाए। नेकां का कहना है कि चुनावों की तैयारियों को तेजी देने के लिए नेताओं को रिहा किया जाना चाहिए। इस बार जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनावों में पार्टियां अपने चुनाव चिह्न पर प्रत्याशी उतार सकेंगी। बीते 70 वर्षो में यह पहला मौका होगा, जब जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनावों में उम्मीदवार अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न के साथ मतदाताओं के पास जाएंगे।

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