Article 370: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित होते ही पीएम मोदी ने ठोकी अमित शाह की पीठ

राज्यसभा में जम्मू- कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित होने के बाद सत्ता पक्ष के खेमे के उत्साह को देख कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद थोड़े विचलित दिखे।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 05 Aug 2019 08:51 PM (IST) Updated:Mon, 05 Aug 2019 09:15 PM (IST)
Article 370: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित होते ही पीएम मोदी ने ठोकी अमित शाह की पीठ
Article 370: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित होते ही पीएम मोदी ने ठोकी अमित शाह की पीठ

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राज्यसभा में करीब आठ घंटे की लंबी चर्चा के बाद जैसे ही जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित हुआ, तो सत्ता पक्ष के खेमें में खुशी का ठिकाना नहीं था। साफ था कि उनका सालों पुराना सपना जो पूरा हो रहा था। यही वजह थी कि विधेयक जैसे ही पारित हुआ, सदन में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत ही सीट से उठकर पास की बेंच में बैठे गृह मंत्री अमित शाह की पूरी गर्मजोशी के साथ पीठ ठोंकी। बिल पारित होने के बाद पीएम का उत्साह देखते ही बन रहा था।

यह भी पढ़ें- अमित शाह बोले- जम्मू कश्मीर में लंबे रक्तपात भरे युग का अंत, पढ़े 20 प्वाइंट

पीएम मोदी इसके बाद विपक्षी बेंचों की ओर भी बढ़े। इस दौरान उन्होंने एआईडीएमके सहित बीएसपी, डीएमके और दूसरे दलों के सदस्यों के मिलते हुए कांग्रेस सदस्यों की बेंचों तक जा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा से हाथ मिलाया।

इस बीच पिछली बेंच में खड़े जयराम रमेश से भी मुखातिब हुए। इसके बाद वह पीएम से मिलने के लिए खुद उनके पास आए। वहीं पीएम मोदी को विपक्षी बेंचों की तरफ आया और मिलते देख सदन में उपस्थित दूसरे दलों के सांसदों ने भी आगे बढ़कर उनसे हाथ मिलाया।

पीएम इस दौरान बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्र से भी गर्मजोशी से मिले और विधेयक का समर्थन करने के लिए उन्हें धन्यवाद भी कहा। खासबात यह है कि राज्यसभा में सोमवार को पेश किए गए जम्मू- कश्मीर पुनर्गठन विधेयक का बसपा ने समर्थन किया था।

विचलित दिखे आजाद, सदन से निकले बाहर

राज्यसभा में विधेयक पारित होने के बाद सत्ता पक्ष के खेमे के उत्साह को देख कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद थोड़े विचलित दिखे। यही वजह रही, कि जैसे ही विधेयक पारित हुआ, वह तेजी से सदन से बाहर निकल गए। जबकि सदन में उनके साथी सांसदों काफी देर तक सदन में मौजूद थे। इससे पहले उन्होंने गृह मंत्री के बोलने के बाद जिन मुद्दों को उठाया था, उसमें भी स्पष्टता नहीं थी। ऐसा करते वक्त उनकी झुंझलाहट स्पष्ट दिख रही थी।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप

chat bot
आपका साथी