छत्तीसगढ़ में एमएसपी से कम कीमत देने वाले कारोबारियों को होगी सजा, केंद्रीय कृषि कानून में संशोधन की तैयारी

छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्रीय कृषि कानून में संशोधन की तैयारी पूरी कर ली है। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडलीय हाईपावर कमेटी ने इसका मसौदा तैयार किया है। 27-28 अक्टूबर को विधानसभा के विशेष सत्र में पंजाब की तर्ज पर यहां भी कानून में संशोधन किया जाएगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 06:15 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 06:15 AM (IST)
छत्तीसगढ़ में एमएसपी से कम कीमत देने वाले कारोबारियों को होगी सजा, केंद्रीय कृषि कानून में संशोधन की तैयारी
छत्तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल की फाइल फोटो।

रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्रीय कृषि कानून में संशोधन की तैयारी पूरी कर ली है। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडलीय हाईपावर कमेटी ने इसका मसौदा तैयार किया है। 27-28 अक्टूबर को विधानसभा के विशेष सत्र में पंजाब की तर्ज पर यहां भी कानून में संशोधन किया जाएगा। इसमें सबसे बड़ा बदलाव कृषि उत्पादकों की बिक्री और भाव को लेकर किया जा रहा है।

इसके तहत राज्य में कृषि उपज मंडी या वहां से बाहर कहीं भी कृषि उपज की समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम पर खरीदा-बेचा नहीं जा सकेगा। पंजाब ने ऐसा करने वाले कारोबारियों के लिए तीन वर्ष तक की सजा का प्रवधान किया है। इन संशोधन विधेयकों को सरकार सदन में बहुमत के आधार पर पारित तो करा लेगी लेकिन लागू हो गया नहीं यह राज्यपाल पर निर्भर करेगा। 

संशोधन को लागू करना आसान नहीं होगा

छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव देवेंद्र वर्मा ने कहा कि संशोधन को लागू करना आसान नहीं होगा। वजह यह है कि विधानसभा से प्रस्ताव पारित होने के बाद मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद ही संशोधन लागू हो पाएगा। संभव है कि मामला केंद्रीय कानून से जुड़ा होने के कारण राज्यपाल इसे राष्ट्रपति की अनुमति के लिए भेज दें।

कृषि एवं संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे का कहना है कि कृषि और किसानों के मामले में छत्तीसगढ़ मॉडल राज्य है। हमारे मुख्यमंत्री कहते हैं कि धान 2500 पये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदेंगे। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री कहते हैं कि 1860 पये से अधिक पर नहीं खरीदना। ऐसे में हम अगर केंद्रीय कृषि कानून को यहां लागू करते हैं तो यह किसानों का दुर्भाग्य होगा। कानून में संशोधन के लिए 27 और 28 तारीख को विधानसभा के विशेष सत्र की बैठक होगी। 

chat bot
आपका साथी