जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले और अन्य संचार माध्यमों पर लगाए गए प्रतिबंधों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Thu, 15 Aug 2019 08:59 PM (IST) Updated:Fri, 16 Aug 2019 07:20 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा जिनमें जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले और उसके बाद राज्य में मीडिया और अन्य संचार माध्यमों पर लगाए गए प्रतिबंधों को चुनौती दी गई है।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एसए नजीर की विशेष पीठ अधिवक्ता एमएल शर्मा और 'कश्मीर टाइम्स' की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। एमएल शर्मा ने छह अगस्त को दायर अपनी याचिका में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने को चुनौती दी है।

उन्होंने दावा किया है कि अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रपति का आदेश गैरकानूनी है क्योंकि यह जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सहमति के बिना जारी किया गया। वहीं, 10 अगस्त को दायर याचिका में पत्रकार अनुराधा भसीन ने पूरे राज्य में मोबाइल, इंटरनेट एवं लैंडलाइन सेवाओं समेत संचार के सभी माध्यमों को बहाल करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की है ताकि मीडिया अपना काम कर सके।

जम्मू-कश्मीर की मुख्य राजनीतिक पार्टी नेशनल कांफ्रेंस ने भी याचिका दायर कर अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को चुनौती दी है। पार्टी ने तर्क दिया है कि इन बदलावों ने जनादेश के बिना वहां के नागरिकों से उनके अधिकार छीन लिए हैं।

यह याचिका नेशनल कांफ्रेंस के लोकसभा सदस्यों मुहम्मद अकबर लोन और जस्टिस (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी ने दायर की है। लोन जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हैं जबकि जस्टिस मसूदी जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के वही पूर्व न्यायाधीश हैं जिन्होंने 2015 में एक फैसले में अनुच्छेद 370 को संविधान का स्थायी प्रावधान करार दिया था।

मालूम हो कि कुछ अन्य लोगों ने भी इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं, लेकिन उन्हें शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है।

अटॉनी जनरल बोले, अनुच्छेद 370 निरस्त करना केंद्र का अच्छा कदम

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने का फैसला एक अच्छा कदम है। इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी वेणुगोपाल ने उनका विरोध किया था। उनकी दलीलें सुनने के बाद ही शीर्ष अदालत ने राज्य में लगे प्रतिबंधों पर हस्तक्षेप करने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया था कि संवेदनशील स्थिति को सामान्य बनाने के लिए केंद्र को कुछ समय दिया जाना चाहिए।

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