राहुल और प्रियंका गांधी की हाथरस यात्रा ने इंदिरा गाधी के बेलची दौरे की याद दिला दी : ओमान चांडी

जुलाई 1977 में विपक्षी नेता के तौर पर इंदिरा गांधी ने पटना जिले के बेलची गांव की यात्रा की थी। वहां पर अनुसूचित जाति के 10 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इंदिरा गांधी ट्रेन जीप टै्रक्टर और आखिर में हाथी की सवारी कर बेलची पहुंची थीं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 04 Oct 2020 11:26 PM (IST) Updated:Sun, 04 Oct 2020 11:26 PM (IST)
राहुल और प्रियंका गांधी की हाथरस यात्रा ने इंदिरा गाधी के बेलची दौरे की याद दिला दी : ओमान चांडी
हाथरस में पीड़ि‍त परिवार के घर पहुंचे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी।

नई दिल्ली, आइएएनएस। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओमन चांडी ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा हाथरस जिले के बूलगढ़ी गांव जाकर पीडि़त परिवार से मिलने की तुलना 1977 में इंदिरा गांधी की बेलची यात्रा से की है। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को समर्थन देने के लिए उनका पहुंचना इतिहास को दोहराने जैसा है। गुरुवार को राहुल और प्रियंका को हाथरस जाते समय हिरासत में ले लिया गया था और वापस दिल्ली भेज दिया गया। लेकिन, शनिवार को पुलिस से झड़प के बाद उन्हें हाथरस जाने दिया गया। 

केरल के पूर्व सीएम ने कहा, उनका पहुंचना इतिहास को दोहराने जैसा

जुलाई 1977 में विपक्षी नेता के तौर पर इंदिरा गांधी ने पटना जिले के बेलची गांव की यात्रा की थी। वहां पर अनुसूचित जाति के 10 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इंदिरा गांधी ट्रेन, जीप, टै्रक्टर और आखिर में हाथी की सवारी कर बेलची पहुंची थीं। बाद में 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने केंद्र की सत्ता में वापसी की। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री चांडी ने ट्वीट किया, राहुल और प्रियंका की हाथरस यात्रा ने मुझे इसी तरह की इंदिरा गांधी की बेलची यात्रा की याद दिला दी है। उन्होंने हाथरस पहुंचने से रोकने के लिए सभी प्रयासों को विफल कर दिया।

ज्ञात हो कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा शनिवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। इस दौरान प्रियंका ने मृतका की भाभी व बहन को गले लगा कर ढांढस बढ़ाया और कहा कि इस संकट की घड़ी में कांग्रेस आपके साथ है।

पीड़ित परिवार से संवेदना व्यक्त करने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि इस मुश्किल वक्त में पीड़ित परिवार की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। पूरी घटना में परिवार की कोई गलती नहीं है। प्रियंका ने कहा कि जहां-जहां अन्याय होगा, हम डटे रहेंगे और उसके खिलाफ लड़ेंगे। राज्य सरकार ने प्रकरण में लापरवाह एसपी समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित और फिर सीबीआई जांच की सिफारिश कर मृत युवती के पीड़ित परिवार के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश की है, लेकिन राजनीति अब भी गर्म है।

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