Gujarat Assembly Election 2022: केंद्रीय नेतृत्व ने गुजरात कांग्रेस को दी सलाह, क्‍या खुद दिखा सकेंगे संयम ? जानें क्‍या है पूरा मामला

गुजरात में सबसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से मोदी को मौत का सौदागर कहा गया था और बाद में इसमें तेजी आती गई जिसमें कभी प्रियंका गांधी ने मोदी की तुलना दुर्योधन से की तो कभी किसी नेता ने हिंदू आतंकवादी कहा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 05 Jul 2022 07:48 PM (IST) Updated:Tue, 05 Jul 2022 08:00 PM (IST)
Gujarat Assembly Election 2022: केंद्रीय नेतृत्व ने गुजरात कांग्रेस को दी सलाह, क्‍या खुद दिखा सकेंगे संयम ? जानें क्‍या है पूरा मामला
गुजरात को लेकर रणनीति बनाते कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राहुल गांधी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले अनुभवों से सतर्क कांग्रेस ने गुजरात प्रदेश इकाई को यह निर्देश तो दे दिया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर व्यक्तिगत टिप्पणी न करें, लेकिन इसका पालन खुद केंद्रीय नेतृत्व के लिए चुनौती हो सकता है। दरअसल, केंद्रीय नेतृत्व की ओर से अक्सर सीधे प्रधानमंत्री को ही निशाना बनाया जाता है और सोशल मीडिया के युग में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए वही मंत्र बन जाता है।

चुनाव में पीएम मोदी पर व्यक्तिगत टिप्पणी से बचने का निर्देश

वैसे भी केवल गुजरात ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रधानमंत्री मोदी पर व्यक्तिगत निशाना राजनीतिक रूप से लगातार घातक साबित हुआ है। बताया जाता है कि सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस टास्क फोर्स ने महसूस किया था कि चुनाव को मोदी पर केंद्रित करना राजनीतिक रूप से नुकसानदेह होता है, लिहाजा गुजरात में केवल राज्य सरकार की असफलताओं पर चुनाव लड़ा जाए।

गौरतलब है कि यही फैसला 2017 चुनाव में लिया गया था और 2019 के चुनाव से पहले भी यही रणनीति तय की गई थी लेकिन चाहे गुजरात चुनाव हो या किसी दूसरे राज्य का चुनाव कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से ही व्यक्तिगत टिप्पणियां की गई और उसका उल्टा असर भी दिखा। 2017 में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री को 'नीच' कह दिया था।

अभी हाल की बात हो तो अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने हिटलर की मौत की याद दिलाई तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई नेताओं की ओर से अक्सर प्रधानमंत्री मोदी के लिए तानाशाह, अहंकारी जैसे शब्द उपयोग किए जा रहे हैं।

ध्यान रहे कि गुजरात में सबसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से मोदी को मौत का सौदागर कहा गया था और बाद में इसमें तेजी आती गई जिसमें कभी प्रियंका गांधी ने मोदी की तुलना दुर्योधन से की तो कभी किसी नेता ने हिंदू आतंकवादी कहा।

प्रधानमंत्री मोदी गुजरात सहित पूरे देश में भाजपा के स्टार प्रचारक होते हैं। चुनावी अभियान की सफलता की जिम्मेदारी उनके ही कंधों पर होती है। ऐसे में कांग्रेस के लिए चाहे अनचाहे उन्हें केंद्र में लाना ही होता है। गुजरात कांग्रेस को तो केंद्र से सलाह दे दी गई है लेकिन संयम केंद्रीय नेताओं को ज्यादा दिखाना पड़ सकता है।

इस साल के अंत में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सोमवार को नई दिल्ली में गुजरात कांग्रेस के नेताओं और पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई। पार्टी अधिकारियों के अनुसार, गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर, गुजरात प्रभारी रघु शर्मा, विपक्ष के नेता सुखराम राठवा, वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया, दीपक बाबरिया और प्रवक्ता मनीष दोशी सहित राज्य के वरिष्ठ पार्टी नेताओं को नई दिल्ली में पार्टी मुख्यालय बुलाया गया था।

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