भारत की सॉफ्ट कूटनीति का आधार स्तंभ बने गांधी, न्यूयार्क से कजाकिस्तान तक उत्सव

गांधी जयंती के मौके पर फिलिस्तीन उज्बेकिस्तान तुर्की मोरक्को व लेबनान ने गांधी पर डाक टिकट जारी किया।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Wed, 02 Oct 2019 10:12 PM (IST) Updated:Wed, 02 Oct 2019 10:12 PM (IST)
भारत की सॉफ्ट कूटनीति का आधार स्तंभ बने गांधी, न्यूयार्क से कजाकिस्तान तक उत्सव
भारत की सॉफ्ट कूटनीति का आधार स्तंभ बने गांधी, न्यूयार्क से कजाकिस्तान तक उत्सव

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया भर में अपनी सॉफ्ट कूटनीति को नई धार देने में जुटे विदेश मंत्रालय के लिए गांधी जयंती एक खास अवसर हो गया है। पिछले वर्ष जिस तरह से 124 देशों के गायकों ने महात्मा गांधी के पसंदीदा ' वैष्णव जन तो..' को स्वर दे कर भारतीय राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि दी थी। वैसे ही इस बार दुनिया भर की राजधानियों में बापू की 150 जयंती को खूब धूम धाम से बनाया गया है। न्यूयार्क से लेकर कजाकिस्तान तक और टोक्यो से लेकर मोरक्को तक में गांधी को कई तरह के आयोजनों से याद किया गया।

इन आयोजनों को विदेश में स्थित भारतीय उच्चायोगों, दूतावासों व अन्य मिशनों का पूरा सहयोग दिया गया है। इस बार खास तौर पर कई देशों में स्कूली बच्चों के बीच गांधी जयंती के आयोजन पर जोर दिया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि विदेशी बच्चों को शुरुआत में ही गांधी के विचार व दर्शन से अवगत कराया जाए। इस संदर्भ में भारतीय दूतावासों के सुझावों को विदेशी सरकार ने काफी सकारात्मक तौर पर लिया है। हो सकता है कि इसे आने वाले दिनों में और विस्तार दिया जाए।

पीएम मोदी ने गांधी को प्रेरणा का स्त्रोत बताया 

महात्मा गांधी की इस जयंती पर पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से लिखित आलेख को अमेरिका के प्रमुख समाचार पत्र न्यूयार्क टाइम्स ने प्रमुखता से छापा है। पीएम मोदी ने गांधी को एक बेहतरीन शिक्षक के साथ ही लाखों लोगों के लिए प्रेरणा के स्त्रोत भी हैं। मोदी ने इस संदर्भ में अमेरिकी नेता मार्टिन लूथर किंग और दक्षिण अफ्रीका के स्वतंत्रा सेनानी नेल्शन मंडेला का जिक्र किया है जिनके जीवन को गांधी के दर्शन ने काफी प्रभावित किया था। बुधवार को ही वाशिंगटन में विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी संसद (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) की स्पीकर नैंनी पेलोसी गांधी जयंती पर आयोजित एक समारोह में हिस्सा ले रहे हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने गांधी जयंती पर कहा है कि, गांधी की मानवता, आदर्श और अहिंसात्मक विरोध का नारा पूरी दुनिया को प्रेरणा देता रहेगा।

गांधी की याद में विदेश में डाक टिकट जारी 

इस बार की गांधी जयंती की एक खास बात यह रही कि मोरक्को, तुर्की, उज्बेकिस्तान, फिलीस्तीन व लेबनान ने गांधी की याद में डाक टिकट जारी किये। रामाल्लाह स्थित भारतीय मिशन की तरफ से बताया गया है कि उनकी तरफ से आयोजित समारोह में स्थानीय फिलीस्तीनी नागरिकों ने काफी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कजाकिस्तान में भारतीय दूतावास के सौजन्य से स्कूलों में बच्चों के साथ गांधी जयंती मनाया गया। अलमाटी स्थित दो टीवी चैनलों ने अहिंसा की राह नाम से अलग अलग कार्यक्रम दिखाए। जॉर्डन में गांधी जयंती पर शांति दौड़ का आयोजन किया गया। लेबनान में भारतीय दूतावास की तरफ से गांधी की पेटिंग्स बनाने की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें वहां के नामी गिरामी चित्रकारों ने हिस्सा लिया। दूतावास ने गांधी पर एक क्विज कार्यक्रम का भी आयोजन किया जिसमें वहां के प्रतिष्ठित कालेज के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।

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