शहीद करकरे के खिलाफ दिए बयान पर चौतरफा घिरी प्रज्ञा ठाकुर, अब EC ने भी भेजा नोटिस

भोपाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं से बात करते हुए गुरुवार शाम प्रज्ञा ने कहा था कि हमलों के दौरान करकरे की मृत्यु हो गई क्योंकि करकरे ने उन्हें प्रताड़ित करने के लिए शाप दिया था।

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Sat, 20 Apr 2019 02:56 PM (IST) Updated:Sat, 20 Apr 2019 03:55 PM (IST)
शहीद करकरे के खिलाफ दिए बयान पर चौतरफा घिरी प्रज्ञा ठाकुर, अब EC ने भी भेजा नोटिस
शहीद करकरे के खिलाफ दिए बयान पर चौतरफा घिरी प्रज्ञा ठाकुर, अब EC ने भी भेजा नोटिस

नई दिल्ली,एजेंसी। मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी और मध्यप्रदश भोपाल से भाजपा की उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जिला चुनाव अधिकारी और क्लेक्टर द्वारा नोटिस जारी किया गया है। दरअसल, प्रज्ञा ठाकुर को ये नोटिस 26/11 हमले में शहीद हुए हेमांत करकरे के खिलाफ की गई टिप्पणी को स्पष्टीकरण देने के लिए भेजा  गया  है।

 

भोपाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं से बात करते हुए गुरुवार शाम प्रज्ञा ने कहा था कि हमलों के दौरान करकरे की मृत्यु हो गई क्योंकि उसने उसे प्रताड़ित करने के लिए 'श्राप' दिया था। हालांकि जैसे ही उनके इस बयान को लेकर विवाद हुआ उन्होंने शुक्रवार को माफी मांग ली थी। भोपाल के जिला निर्वाचन अधिकारी और भोपाल कलेक्टर  सुदाम खाडे ने कहा कि हमने बयान का संज्ञान लिया और मामले पर सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (एआरओ) से रिपोर्ट मांगी थी। 

खाडे ने कहा कि कार्यक्रम के आयोजक को कुछ शर्तों पर अनुमति दी गई थी, क्योंकि आदर्श आचार सहिंता लागू थी। एक दूसरे अधिकारी के अनुसार कार्यक्रम की अनुमति देने से पहले निर्धारित शर्तों के अनुसार किसी विशेष व्यक्ति को बदनाम करने के लिए आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करने पर प्रतिबंध है। जमानत पर बाहर प्रज्ञा ठाकोर (48) को 2008 के मामले में कड़े महाराष्ट्र नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत आरोपों में अदालत द्वारा राहत दे दी गई है, लेकिन अभी भी अन्य आपराधिक प्रावधानों के तहत मुकदमा चल रहा है, जिसमें गैरकानूनी गतिविधियां शामिल हैं।

बता दें कि बुधवार को भाजपा ने भोपाल सीट से प्रतियाशी बनाया है। इस सीट से प्रज्ञा ठाकुर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को टक्कर देंगी। करकरे के खिलाफ दिए गए प्रज्ञा के बयान के बाद राजनीतिक हलचल काफी तेज हो गई। जहां एक ओर विपक्षी दलों ने इस मामले पर भाजपा पर निशाना साधा वहीं दूसरी और कांग्रेस ने मांग करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में माफी मांगे। वहीं भाजपा ने खुद को इस मामले से दूर रखते हुए कहा कि ये उनकी व्यक्तिगत सोच है। 

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