coronavirus: पीएम मोदी सूचनाओं के लिए रोजाना 200 से अधिक लोगों से करते हैं बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस से निपटने की देश की जंग को लेकर ताजा जानकारी हासिल करने के लिए प्रतिदिन दो सौ से अधिक लोगों से बात करते हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस से निपटने की देश की जंग को लेकर ताजा जानकारी हासिल करने के लिए प्रतिदिन दो सौ से अधिक लोगों से बात करते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने रविवार को यह जानकारी दी।
सभी का उत्साह बढ़ाने और उनके प्रति आभार जताने की कोशिश
पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री की इस संवाद प्रक्रिया में राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ टेलीफोन कॉल शामिल होती है। इसके अलावा पीएम देश के अलग-अलग हिस्सों के डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों और साफ-सफाई से जुड़े लोगों के साथ भी बातचीत करते हैं। पीएम की कोशिश इसके जरिये इन सभी का उत्साह बढ़ाने और उनके प्रति आभार जताने की होती है। मोदी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सामाजिक जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों से भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात करते हैं। वह टेलीफोन के जरिये उन लोगों से भी संवाद करते हैं जो कोरोना वायरस के संक्रमण का सामना कर रहे हैं और जो इससे उबर चुके हैं।
दिनभर में कई बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं पीएम
इसके अलावा प्रधानमंत्री प्रतिदिन कई बैठकों में भी भाग ले रहे हैं, जिनमें उन्हें कैबिनेट सचिव और प्रधान सचिव की ओर से अपडेट दिए जाते हैं। पीएम को सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों के बारे में मंत्रिसमूह भी जानकारी देता है। यही कारण है कि भारत में महामारी से निपटने के लिए की गई तैयारियां दुनिया भर में चर्चा का विषय बन रही हैं। पीएम मोदी के असरदार नेतृत्व क्षमता के सभी मुरीद हो गए हैं। पीएम मोदी ने जब देश में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की तो ज्यादातर देशवासियों ने प्रशंसा की। यहां तक कि विपक्ष ने भी उनके कदम की प्रशंसा की।
भारत के कदम की पूरे विश्व में प्रशंसा
ईरान, इटली और यूरोप के तमाम देशों में रहने वाले भारतीयों को देश वापस लाया गया, जबकि उन्हें वहां से लाने में बहुत ज्यादा मुसीबतें सामने आई थीं। इसके अलावा भारत ने सार्क देशों की एक विशेष बैठक बुलाकर इस वैश्विक महामारी से लड़ने की साझेदारी का नेतृत्व भी किया है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारत की सरकार ने जो रास्ता अपनाया है, उसकी प्रशंसा न केवल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने की है, बल्कि दुनिया के तमाम देशों ने भी सराहा है। इटली में तमाम बदहाल दशाओं के बावजूद भारत ने वहां से अपने ढाई सौ छात्रों को निकाल कर उनके परिवारों तक पहुंचाया। इसके पहले भी भारत ने चीन के वुहान से व्यापक संख्या में अपने फंसे हुए नागरिकों को निकाला था।