सीवीसी ने मांगी नीति आयोग की पूर्व सीईओ के खिलाफ मुकदमे की मंजूरी

कई अन्य पूर्व एवं वर्तमान नौकरशाहों के खिलाफ भी मांगी अनुमति। आइएनएक्स मीडिया को एफआइपीबी मंजूरी से जुड़ा है मामला।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Fri, 21 Jun 2019 09:12 PM (IST) Updated:Fri, 21 Jun 2019 09:12 PM (IST)
सीवीसी ने मांगी नीति आयोग की पूर्व सीईओ के खिलाफ मुकदमे की मंजूरी
सीवीसी ने मांगी नीति आयोग की पूर्व सीईओ के खिलाफ मुकदमे की मंजूरी

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने कुछ वर्तमान और सेवानिवृत्त नौकरशाहों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में सरकार से मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है। इनमें नीति आयोग की पूर्व सीईओ सिंधुश्री खुल्लर और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय के पूर्व सचिव अनूप के. पुजारी शामिल हैं।

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि उक्त नौकरशाहों के अलावा हिमाचल प्रदेश के प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना और आर्थिक मामलों के विभाग में अवर सचिव रहे रबिंद्र प्रसाद के खिलाफ भी सीवीसी ने वित्त एवं कार्मिक मंत्रालयों से मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है।

यह मामला 2007 में विदेशी निवेश संव‌र्द्धन बोर्ड (एफआइपीबी) द्वारा आइएनएक्स मीडिया को करीब 305 करोड़ के विदेशी निवेश की मंजूरी देने में अनियमितता से जुड़ा है। उस समय संप्रग सरकार में पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे।

सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस मामले की जांच कर रहे हैं। सीबीआइ ने 15 मई, 2017 को इस मामले में एफआइआर दर्ज की थी। जांच के दौरान जांच एजेंसियों ने दावा किया कि उन्हें इस मामले में कई वर्तमान और सेवानिवृत्त नौकरशाहों की भूमिका का पता चला है। लिहाजा उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी की जरूरत है। पी. चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम भी इस मामले में सीबीआइ और ईडी की जांच के दायरे में हैं।

मालूम हो कि सिंधुश्री खुल्लर 2004 से 2008 तक आर्थिक मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव थीं। 2015 में उन्हें नीति आयोग की सीईओ बनाया गया था। अनूप के. पुजारी 2006 से 2010 तक संयुक्त सचिव थे। प्रबोध सक्सेना ने 2008 से 2010 तक विभाग में निदेशक के तौर पर कार्य किया था।

रबिंद्र प्रसाद भी उस अवधि में विभाग में अवर सचिव थे जिस अवधि की जांच की जा रही है। आइएनएक्स मीडिया पर एक समय पीटर और इंद्राणी मुखर्जी का स्वामित्व था जो मनी लांड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामले में प्रमुख आरोपित हैं।

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