मप्र के सीएम, नौ मंत्री और 20 विधायकों को घेर चुका कोरोना, फिर भी बढ़ रहीं सियासी गतिविधियां

प्रदेश में होने उपचुनाव प्रदेश की सेहत के लिए ठीक नहीं कहे जा सकते हैं। चुनावी तैयारियों में भाजपा हो या कांग्रेस कोरोना गाइडलाइन का खुलकर मजाक बना रहे हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 06 Sep 2020 09:44 PM (IST) Updated:Sun, 06 Sep 2020 09:45 PM (IST)
मप्र के सीएम, नौ मंत्री और 20 विधायकों को घेर चुका कोरोना, फिर भी बढ़ रहीं सियासी गतिविधियां
मप्र के सीएम, नौ मंत्री और 20 विधायकों को घेर चुका कोरोना, फिर भी बढ़ रहीं सियासी गतिविधियां

भोपाल, राज्‍य ब्यूरो। मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नौ मंत्री और 20 विधायक कोरोना वायरस के शिकार हो चुके हैं। तीन मंत्री गोपाल भार्गव, प्रभुराम चौधरी और बृजेंद्र सिंह यादव अभी भी अस्पताल में हैं। इसके बावजूद प्रदेश में सियासी गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। उपचुनाव वाले 27 विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षित शारीरिक दूरी का ध्यान रखे बिना बड़ी संख्या में चुनावी बैठकें की जा रही हैं। प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच विधानसभा का सत्र बुलाया जा रहा है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद सियासी गलियारों में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है मानो कोरोना खत्म हो गया हो। ग्वालियर में जब भाजपा ने सदस्यता अभियान चलाया तो सारे नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ गई, उसके बाद से वहां लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है। 

ये माननीय हुए कोरोना के शिकार

1. शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री

2 गोपाल भार्गव, पीडब्ल्यूडी मंत्री

3 तुलसीराम सिलावट, जल संसाधन मंत्री

4 प्रभुराम चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री

5 अरविंद भदौरिया, सहकारिता मंत्री

6 मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री

7 विश्वास सारंग, चिकित्सा शिक्षा मंत्री

8 रामखेलावन पटेल, पिछड़ा वर्ग राज्य मंत्री

9 बृजेंद्र यादव, पीएचई राज्य मंत्री 

10 ओमप्रकाश सकलेचा, एमएसएमई मंत्री

विधायक-

1 दिव्यराज सिंह 

2 कुणाल चौधरी

3 सुनील उइके

4 सुखदेव पांसे

5 राकेश गिरी गोस्वामी

6 लखन घनघोरिया

7 ठाकुर दास नागवंशी

8 विजयपाल सिंह

9 राकेश पाल

10 गोवर्धन दांगी

11 नीना वर्मा 

12 संजय शर्मा 

13 पीसी शर्मा 

14 अनिल जैन

15 प्रवीण पाठक 

16 हर्ष यादव 

17 मुरली मोरवाल 

18 महेंद्र हार्डिया

19 शरदेंदु तिवारी

20 तरण भनोत 

उपचुनाव की तैयारियां फैला रही कोरोना

प्रदेश में होने उपचुनाव प्रदेश की सेहत के लिए ठीक नहीं कहे जा सकते हैं। चुनावी तैयारियों में भाजपा हो या कांग्रेस कोरोना गाइडलाइन का खुलकर मजाक बना रहे हैं। 100 लोगों की अनुमति लेकर हजारों लोगों को एक साथ बैठाया जा रहा है। 

विधानसभा सत्र में बढ़ेगा खतरा

21 सितंबर से आयोजित होने वाला मप्र विधानसभा का सत्र भी विधायकों के स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक नहीं कहा जा सकता है। संवैधानिक बाध्यता के कारण बुलाए जाने वाले इस सत्र में 203 विधायकों और उनके साथ आने वाले गनमैन, निज सहायक और अन्य कर्मचारियों की मौजूदगी फिर एक बार खतरे को आमंत्रण देने जैसी है। बुजुर्ग और विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे विधायकों पर भी संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। 

जनता के प्रति प्रतिबद्धता कमजोर नहीं हुई

मध्‍य प्रदेश भाजपा के मुख्‍य प्रवक्‍ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि जीवन चलने का नाम है, इसलिए कोरोना महामारी के बीच में भी सरकारी, राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियां खत्म नहीं हो सकती हैं, लिहाजा जिम्मेदार लोगों को चुनौतियां स्वीकार भी करनी पड़ती है और देश-प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए काम करना पड़ता है। सीएम, मंत्री और विधायकों की जनता के प्रति प्रतिबद्धता कमजोर नहीं हुई है। सावधानी जरूर रखनी है, इसका ध्यान रखा जा रहा है।

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