NRC पर CJI गोगोई का बड़ा बयान, बोले- यह भविष्य का मूल दस्तावेज
भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने असम में लागू NRC को बड़ा बयान दिया उन्होंने इस भविष्य का मूल दस्तावेज बताया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने असम में लागू नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इसे भविष्य का मूल दस्तावेज बताया है। उन्होंने कहा ' यह चीजों को उचित परिप्रेक्ष्य में रखने का एक अवसर है। एनआरसी आज का नहीं बल्कि भविष्य का दास्तावेज है। 19 लाख या 40 लाख बात नहीं है। यह भविष्य के लिए मूल दस्तावेज है, जो आगे चलकर लोगों के दावों का आधार बन सकता है।' सीजेआइ गोगोई ने यह बात पोस्ट कलोनियल असम नामक किताब के लोकार्पण के दौरान कही।
सीजेआइ गोगोई ने इस दौरान मीडिया को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा, 'कुछ मीडिया आउटलेट्स द्वारा गैर जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग से स्थिति और खराब हो गई। कुछ हद तक अवैध प्रवासियों की संख्या का पता लगाने की तत्काल आवश्यकता थी, जो कि एनआरसी का मौजूदा प्रयास था।
गोगोई 17 नवंबर को होंगे रिटायर
गौरतलब है कि सीजेआइ गोगोई इसी महीने 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। जस्टिस एस.ए. बोबड़े देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बोबड़े की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। 18 नवंबर को बोबड़े इस पद पर शपथ लेंगे।
19 लाख लोगों के नाम नहीं
बता दें कि असम देश का इकलौता ऐसा राज्य है, जहां एनआरसी लागू है। 31 अगस्त को राज्य में एनआरसी की आखिरी लिस्ट जारी की गई थी। इस लिस्ट में राज्य के 19 लाख लोगों के नाम नहीं हैं। हालांकि, इन लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कई अवसर मिलेंगे। इन्हें 120 दिन के भीतर फॉरनर्स ट्रिब्यूनल में आवेदन करने का मौका दिया गया है।
एनआरसी का मुख्य उद्देश्य
असम में 300 ऐसे ट्रिब्यूनल स्थापित हैं। इस दौरान इसमें असफल रहने वाले लोगों को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा। एनआरसी का मुख्य उद्देश्य असम में रह रहे उन लोगों की पहचान करना है, जो भारत के नहीं हैं और राज्य में अवैध रूप से प्रवेश किया था।