छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने थामा भाजपा का दामन

बिलासपुर में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में रामदयाल उइके ने भाजपा में प्रवेश की घोषणा की।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Sat, 13 Oct 2018 10:09 PM (IST) Updated:Sat, 13 Oct 2018 10:09 PM (IST)
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने थामा भाजपा का दामन
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने थामा भाजपा का दामन

नईदुनिया, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को शनिवार को दोहरा झटका लगा। सुबह प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामदयाल उइके ने भाजपा का दामन थाम लिया। बिलासपुर में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा में प्रवेश की घोषणा की। उधर, बस्तर में झीरम हमले में मारे गए पूर्व वरिष्ठ नेता महेंद्र कर्मा व विधायक देवती कर्मा के पुत्र छविंद्र कर्मा ने मां के ही खिलाफ दंतेवाड़ा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।

गौरतलब है कि उइके पाली-तानाखार सीट से लगातार तीसरी बार के विधायक हैं। उन्होंने भाजपा के दामन थामने को घर वापसी बताते हुए कहा कि कांगे्रस में घुटन महसूस हो रही थी।

उईके के कांग्रेस छोड़ने वजह
उईके ने कहा कि कांग्रेस की रीति नीति से थक चुका था। अब कांग्रेस के नेता पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की भी नहीं सुनते। कांग्रेसियों को नियंत्रित करना अब राहुल गांधी के बस में भी नहीं है। मां बहनों की सीडी बनाने वालों ने आदिवासियों की परवाह नहीं की। कांग्रेस को कुछ लोग अपनी जेबी संस्था मानकर संचालित करने लगे हैं। इसलिए मैंने घर वापसी की सोची ।

जोगी के लिए छोड़ी थी सीट
उइके भाजपा के वही नेता हैं, जिन्होंने 2001 में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के लिए मरवाही सीट छोड़ी थी। 1998 में उइके भाजपा की टिकट पर मरवाही से चुनाव जीते थे।

भूपेश बोले-अब भाजपा की सरकार नहीं बनेगी
पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि उइके जिस पार्टी में रहे, उनकी सरकार नहीं बन सकी। अब भाजपा में चले गए हैं, तो भाजपा की सरकार नहीं बनेगी।

कांग्रेस के लिए आसान हुआ गोगंपा से गठबंधन
उइके के कांग्रेस छोड़ने से कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के बीच गठबंधन की संभावना बढ़ गई है। दोनों के बीच गठबंधन को लेकर काफी समय से बातचीत चल रही है। गोंगपा सुप्रीमो हीरा सिंह मरकाम पाली-तानाखार सीट की मांग कर रहे थे, जबकि वहां से तीन बार के विधायक उइके सीट छोड़ने को तैयार नहीं थे। इस वजह से बात नहीं बन पा रही थी। अब उनको सीट दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है। इस बीच मरकाम 14 अक्टूबर को दिल्ली जा रहे हैं, वहां उनकी कांग्रेस के आला नेताओं से मुलाकात की भी संभावना है।

chat bot
आपका साथी