सीबीआई ने एंटीगुआ पर बनाया दबाव, कहा- मेहुल को गिरफ्तार कर भारत भेजो

सीबीआई ने एंटीगुआ सरकार से कहा है कि इस मामले में रेड कॉर्नर की जरूरत नहीं, क्योंकि आरोपी की लोकेशन का पहले से पता है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Mon, 27 Aug 2018 02:12 PM (IST) Updated:Mon, 27 Aug 2018 02:48 PM (IST)
सीबीआई ने एंटीगुआ पर बनाया दबाव, कहा- मेहुल को गिरफ्तार कर भारत भेजो
सीबीआई ने एंटीगुआ पर बनाया दबाव, कहा- मेहुल को गिरफ्तार कर भारत भेजो

नई दिल्ली, जेएनएन। भगोड़े आभूषण कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी हुए बगैर ही सीबीआइ ने उसके प्रत्यर्पण की अपेक्षा की है। सीबीआइ ने विदेश मंत्रालय को बताया है कि आरोपी के प्रत्यर्पण के लिए उसके खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी होना जरूरी नहीं है। भारत में अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन (इंटरपोल) से संपर्क रखने वाली इकाई सीबीआइ है।

इसी महीने विदेश मंत्रालय के साथ अपने संवाद में सीबीआइ ने बताया है कि रेड कॉर्नर नोटिस भगोड़े की तलाश के लिए जारी होने वाला दस्तावेज है। लेकिन चोकसी के मामले में उसकी एंटीगुआ में मौजूदगी की पुष्टि हो चुकी है। वह वहां का नागरिक बन चुका है। उसके पास एंटीगुआ का पासपोर्ट है और वह उससे यात्रा कर सकता है। इसलिए भारत के अनुरोध पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने का खास महत्व भी नहीं रह गया है। अब उसे एंटीगुआ के अनुरोध पर जारी होने वाले नोटिस पर ही हवाई अड्डों पर पकड़ा जा सकता है।

जांच एजेंसी ने विदेश मंत्रालय को बताया है कि वह एंटीगुआ की शीर्ष एजेंसी को पत्र लिखकर मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी के लिए अनुरोध कर चुकी है। बता चुकी है कि चोकसी पंजाब नेशनल बैंक के 13,500 करोड़ रुपये के घोटाले में प्रमुख आरोपी है। इस बीच चोकसी ने इंटरपोल से अनुरोध किया है कि उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी न किया जाए। उसने सीबीआइ द्वारा लगाए गए घोटाले के आरोप को राजनीति से प्रेरित बताया है।

उसने यह भी कहा है कि भारत सरकार उसे पकड़कर जेल में डालना चाहती है, ये जेल रहने लायक नहीं हैं। उनमें मानवाधिकारों का पालन नहीं होता है। चोकसी के इन आरोपों पर इंटरपोल ने सीबीआइ से जवाब मांगा। सीबीआइ ने भगोड़े के सभी आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया है। चोकसी हीरा कारोबारी नीरव मोदी का मामा है। दोनों ने मिलकर पंजाब नेशनल बैंक का घोटाला किया।

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