बारामती के लिए अधिक पानी छोड़े जाने पर भाजपा का महाराष्‍ट्र सरकार पर हमला

शिवसेना सरकार पर हमला करते हुए भाजपा ने अपने ट्वीटर हैंडल पर कहा कि आम किसान के लिए अब पानी का मतलब पवार के फार्म के लिए पानी रह गया है।

By Jagran News NetworkEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 08:38 PM (IST) Updated:Thu, 20 Feb 2020 08:46 PM (IST)
बारामती के लिए अधिक पानी छोड़े जाने पर भाजपा का महाराष्‍ट्र सरकार पर हमला
बारामती के लिए अधिक पानी छोड़े जाने पर भाजपा का महाराष्‍ट्र सरकार पर हमला

मुंबई, प्रेट्र। भाजपा ने महाराष्‍ट्र सरकार के बारामती के लिए अधिक पानी छोड़े जाने पर आलोचना की है। भाजपा ने कहा कि नीरा देवघर डैम के बाएं नहर का किनारा एनसीपी मुखिया शरद पवार का गृह क्षेत्र है। किसानों के लिए पानी का मतलब अब पवार के फार्म के लिए पानी हो गया है।

पिछले साल जून में फडणवीस सरकार ने नीरा देवघर डैम से प्रयोग न होने वाले पानी को बारामती, इंदापुर और पुरंदर क्षेत्र में दिया जाएगा। इसके लिए तर्क दिया गया कि यह क्षेत्र डैम के नोटिफाइड कमांड एरिया से बाहर हैं। बारामती शरद पवार का पारिवारिक गढ़ है। उनकी पुत्री सु्प्रिया सुले यहां से लोक सभा सदस्‍य हैं और उनके भतीजे व उप मुख्‍यमंत्री अजीत पवार का विधानसभा क्षेत्र है।

पिछली सरकार के निर्णयों को पलटने के लिए शिवसेना सरकार पर हमला करते हुए भाजपा ने अपने ट्वीटर हैंडल पर कहा कि आम किसान के लिए अब पानी का मतलब पवार के फार्म के लिए पानी हो रह गया है। अब सरकार सु्प्रिया सुले की 10 एकड़ में बैंगन की खेती के लिए 113 करोड़ रुपये जुटाकर उनकी सहायता कर रही है।

बता दें कि मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे की कैबिनेट ने बुधवार को नीरा देवघर डैम के कमांड एरिया के तहत दाएं एवं बाएं कैनाल को बराबर पानी छोड़ने का निर्णय लिया। निर्णय के अनुसार 55 फीसद पानी बाएं कैनाल को छोड़ा जाएगा जिससे पुरंदर, बारामती और इंदापुर क्षेत्र लाभान्वित होंगे, जबकि 45 फीसद पानी पंढारपुर, संगोला, फाल्‍टन और मालश्रिया तालुका के लिए प्रयुक्‍त होगा। यह पानी पीने एवं औद्योगिक प्रयोग और खेती के लिए उपलब्‍ध होगा। 

सरकार बनने के बाद से ही तकरार 

गठबंधन टूटने और कांग्रेस के साथ मिलकर शिवसेना द्वारा सरकार बना लिए जाने के बाद से ही भाजपा महाराष्‍ट्र सरकार पर हमलावर रही है। फडणवीस सरकार के निर्णय पलटने के बाद से भाजपा में गुस्‍सा ज्‍यादा ही दिख रहा है। पानी के वितरण का मामला इसका ताजा उदाहरण है। 

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