Video: अनुच्छेद 370 का समर्थन करने वाले कांग्रेसियों पर भड़के गुलाम नबी आजाद, दी ये नसीहत

कांग्रेस के कई नेताओं ने खुलकर अनुच्‍छेद 370 का समर्थन किया है। अनुच्‍छेद 370 का समर्थन करने वालों में कई वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता भी शामिल हैं।

By Tilak RajEdited By: Publish:Tue, 06 Aug 2019 01:43 PM (IST) Updated:Tue, 06 Aug 2019 02:28 PM (IST)
Video: अनुच्छेद 370 का समर्थन करने वाले कांग्रेसियों पर भड़के गुलाम नबी आजाद, दी ये नसीहत
Video: अनुच्छेद 370 का समर्थन करने वाले कांग्रेसियों पर भड़के गुलाम नबी आजाद, दी ये नसीहत

नई दिल्‍ली, एएनआइ। जम्‍मू-कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 हटाने के मुद्दे पर कांग्रेस को अपने दल में ही विरोध के स्‍वर सुनाई दे रहे हैं। कांग्रेस के कई नेताओं ने खुलकर अनुच्‍छेद 370 का समर्थन किया है। अनुच्‍छेद 370 का समर्थन करने वालों में कई वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता भी शामिल हैं। ऐसे में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद का पारा सातवें आसमान पर है। गुलाम नबी आजाद से जब ऐसे कांग्रेसी नेताओं के बारे में सवाल किया गया, तो वह भड़क उठे।

ये साफ दिखाई दे रहा है कि अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार के फैसले से कांग्रेस दो भागों में बंट गई है। मिलिंद देवड़ा, दीपेंद्र हुड्डा, अदिति सिंह समेत कई कांग्रेसी नेता फैसले के साथ हैं। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जिन लोगों को जम्मू-कश्मीर और कांग्रेस का इतिहास नहीं पता है, उन लोगों से मुझे कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे नेता पहले कश्मीर और कांग्रेस का इतिहास पढ़े, फिर कांग्रेस में रहे। गुलान नबी आजाद ने सीधे-सीधे ऐसे लोगों को कांग्रेस छोड़ने का संकेत दे दिया है।

बता दें कि सोमवार को पार्टी के कदम से अलग रुख अपनाते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी ने अनुच्छेद-370 को खत्म किए जाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इतिहास में की गई गलती को सुधारा गया है। केंद्र द्वारा लिए गए इस फैसले से देश को फील गुड होगा। कुछ साल पहले तक पार्टी नेता सोनिया गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले द्विवेदी ने कहा, 'मैंने राम मनोहर लोहिया जी के नेतृत्व में राजनीति शुरू की थी। वह हमेशा इस अनुच्छेद के खिलाफ थे। आज इतिहास की एक गलती को सुधार लिया गया है।'

#WATCH: GN Azad, when asked that some leaders of the party are supporting abrogation of #Article370, says "Jin logon ko J&K ki history ya Congress ki history pata nahi unse mujhe koi lena dena nahi hai. Wo pehle J&K aur Congress ki history padh lein, phir Congress mein rahein." pic.twitter.com/ppRkLBNQia

— ANI (@ANI) August 6, 2019

हालांकिे, अपने इस बयान को निजी बताते हुए द्विवेदी ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि मंगलवार को जम्मू-कश्मीर से संबंधित विधेयक लोकसभा में भी पारित हो जाएगा। द्विवेदी ने कहा कि एकमात्र चिंता का विषय जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया जाना है। मेरा मानना है कि यह क्षेत्र के विकास में बाधक नहीं बनेगा। एक सवाल का जवाब देते हुए द्विवेदी ने कहा कि मैंने हमेशा भारतीय नेतृत्व द्वारा कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताए जाने पर आपत्ति जताई। मेरी समझ में यह एक गलत अभिव्यक्ति थी और इसे बदला जाना चाहिए था। उन्होंने यह भी पूछा कि आखिर हमें बार-बार इस बारे में स्पष्टीकरण की जरूरत क्यों है।

उधर, हरियाणा के दीपेंद्र हुड्डा, महाराष्ट्र के मिलिंद देवड़ा से लेकर कई नेताओं ने अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया है। दीपेंद्र हुड्डा ने तो इस अनुच्छेद को लेकर ट्वीट किया कि 21वीं सदी में इसकी कोई जगह ही नहीं है। हालांकि कुछ देर बाद उन्होंने अपना यह ट्वीट हटा लिया। दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट किया था, 'मेरी व्यतिगत राय रही है कि 21वी सदी मे अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए। ऐसा सिर्फ देश की अखंडता के लिए ही नही, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है। अब सरकार की यह जिम्मेदारी है की इस का क्रियान्वयन शांति व विश्वास के वातावरण में हो।'

मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर कहा कि दुर्भाग्य से आर्टिकल 370 के मसले को लिबरल और कट्टर की बहस में उलझाया जा रहा है। पार्टियों को अपने वैचारिक मतभेदों को किनारे कर भारत की संप्रभुता, कश्मीर शांति, युवाओं को रोजगार और कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय के लिहाज से सोचना चाहिए। एक और कांग्रेसी नेता भुवनेश्वर कलिता ने कहा कि आज कांग्रेस ने मुझे कश्मीर मुद्दे के बारे में व्हिप जारी करने को कहा, जबकि सच्चाई ये है कि देश का मिजाज पूरी तरह से बदल चुका है और ये व्हिप देश की जन भावना के खिलाफ है। भुवनेश्वर कलिता ने कहा कि पंडित नेहरू ने खुद अनुच्छेद 370 का विरोध किया था और कहा था कि एक दिन घिसते-घिसते यह खत्म हो जाएगा। आज की कांग्रेस की विचारधारा से लगता है कि कांग्रेस आत्महत्या कर रही है और मैं इसमें कांग्रेस का भागीदार नहीं बनना चाहता हूं। मैं इस व्हिप का पालन नहीं करूंगा और मैं कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देता हूं।

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