Antagarh tape scandal: मंतूराम बोले- मुझे जोगी और रमन ने बनाया मोहरा, दिए झूठे आश्वासन

मंतूराम पवार ने गुरुवार को मीडिया के सामने अपनी बात रखी। मंतूराम ने कहा कि इस कांड में मुझे अजीत जोगी और डॉ रमन सिंह ने मिलकर मोहरा बनाया।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 19 Sep 2019 07:29 PM (IST) Updated:Thu, 19 Sep 2019 07:29 PM (IST)
Antagarh tape scandal: मंतूराम बोले- मुझे जोगी और रमन ने बनाया मोहरा, दिए झूठे आश्वासन
Antagarh tape scandal: मंतूराम बोले- मुझे जोगी और रमन ने बनाया मोहरा, दिए झूठे आश्वासन

रायपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ के चर्चित अंतागढ़ टेप कांड मामले में मुख्य अभियुक्त और भाजपा से निष्काशित नेता मंतूराम पवार ने गुरुवार को मीडिया के सामने अपनी बात रखी। मंतूराम ने कहा कि इस मामले में मुझे अजीत जोगी और डॉ रमन सिंह ने मिलकर मोहरा बनाया। मुझे सिर्फ झूठे आश्वासन दिए। मेरे ऊपर सात करोड़ रुपये लेकर नाम वापस लेने का आरोप लगा जो पूरी तरह गलत है।

दरअसल अजीत जोगी ने मुझे राजनीति के नाम पर बेचने का प्रयास किया। मंतूराम प्रेस वार्ता के दौरान अपने साथ छह लोगों को लेकर आए थे, जो उस वक्त अंतागढ़ से विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार थे। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें पैसे देकर चुनाव न लड़ने का दबाव बनाया गया। कुछ नेताओं ने स्वीकार किया कि उन्हें रकम दी गई थी। ऐसा पहली बार हुआ है जब मंतूराम ने इस तरह खुले तौर पर पूर्व उम्मीदवारों के साथ खुले तौर पर प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों पर सीधे आरोप लगाए हैं।

अंतागढ़ टेप कांड को लेकर चल रही जांच में मैं अपना वायस सेंपल देने के लिए हमेशा से तैयार हूं। इस मामले की एसआईटी से जांच होनी चाहिए। अजीत जोगी आखिर वाइस सेंपल देने से क्यों बच रहे हैं। उन्हें पता है कि यदि उन्होंने वाइस सेंपल दिया तो सारा दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

मंतूराम पवार ने अजीत जोगी की डॉ रमन सिंह के साथ साठ-गांठ का अरोप लगाते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने मिलकर अंदरूनी साठ-गांठ की थी। दोनों एक दूसरे को अपना विरोधी बताते, लेकिन अंदर-अंदर चुनावों में एक-दूसरे को मदद करते। प्रदेश में भाजपा की तीन बार सरकार बनी और तीनों बार जोगी ने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा का साथ दिया। मुझपर और मेरे परिवार पर आज भी जान का खतरा है।

मंतूराम ने आगे कहा कि 2014 में अंतागढ़ चुनाव में मैंने नाम वापसी की थी। मुझ पर सात करोड़ रुपये लेकर नाम वापस लेने का झूठा आरोप मढ़ा गया। दरअसल मैंने दबाव में नाम वापस लिया था। लेने वाला कोई, देने वाला कोई और पैसे खाने वाला कोई और, लेकिन बदनामी मेरी हुई।

डॉ रमन सिंह के कहने पर मैं भाजपा में शामिल हुआ। मुझे लालच दिया गया, धमकी दी गई। झूठे आश्वासन दिए गए। विधानसभा चुनाव में मुझे टिकट देने की बात हुई, लेकिन नहीं दिए। लोकसभा चुनाव में भी मुझे उम्मीद थी, लेकिन सिर्फ झूठा आश्वासन ही मिला।

मुझे कांग्रेस से पहचान मिली, लेकिन भाजपा ने सिर्फ मेरा इस्तेमाल किया। भाजपा में सिर्फ मुझे अपमानित ही किया गया। दादागिरी कर मुझे पार्टी से बाहर निकाला गया। मैं एक इमानदार आदिवासी नेता हूं, मेरे नाम से पैसों की लेन-देन की गई।

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