महाराष्ट्र में मराठाओं के बाद मुस्लिमों ने भी की आरक्षण की मांग, AIMIM जाएगी हाई कोर्ट

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम ने मुस्लिमों के लिए आरक्षण की मांग की है। एआइएमआइएम ने मुस्लिमों के आरक्षण के लिए मुंबई हाईकोर्ट का रुख किया है।

By Arti YadavEdited By: Publish:Fri, 30 Nov 2018 02:49 PM (IST) Updated:Fri, 30 Nov 2018 02:49 PM (IST)
महाराष्ट्र में मराठाओं के बाद मुस्लिमों ने भी की आरक्षण की मांग, AIMIM जाएगी हाई कोर्ट
महाराष्ट्र में मराठाओं के बाद मुस्लिमों ने भी की आरक्षण की मांग, AIMIM जाएगी हाई कोर्ट

मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र में मराठा के बाद अब मुस्लिम आरक्षण की मांग उठ रही है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमिन (एआइएमआइएम) ने मुस्लिमों के लिए आरक्षण की मांग की है। एआइएमआइएम ने कहा है कि वह आरक्षण के लिए मुबंई हाई कोर्ट का रुख करेंगे। बता दें कि महाराष्ट्र विधानमंडल में गुरुवार को मराठाओं को शिक्षा और नौकरी में 16 फीसद आरक्षण देने का प्रस्ताव पास हो गया है। अब इस पर कानून बनाने की मुहर लग सकती है।

एआइएमआइएम नेता इम्तियाज जलील ने कहा है कि हम सरकार के इस फैसले को चुनौती नहीं देंगे, लेकिन हम नए तथ्यों के साथ कोर्ट जाएंगे और मुस्लिम आरक्षण के लिए मांग करेंगे। बता दें कि इससे पहले एआइएमआइएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिमों के लिए आरक्षण की मांग की थी। उनका कहना था कि मुस्लिम भी आरक्षण के हकदार हैं, क्योंकि वह पीढ़ियों से गरीबी में रहे हैं।

राजपूत और ब्राह्मण समुदाय ने भी की आरक्षण की मांग

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में मराठा और गुजरात में पाटीदारों को आरक्षण मिलने के बाद सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोग ही आरक्षण की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि राजपूत और ब्राह्मण समुदाय के लोग भी अपने लिए आरक्षण की मांग कर रहे हैं। हालांकि उनका कहना है कि आरक्षण देने का आधार जातिगत नहीं बल्कि आर्थिक होना चाहिए।

राजपूत समुदाय के नेताओं ने कहा कि वे कुल जनसंख्या का 8 फीसद ही हैं और महाराष्ट्र में मराठाओं की तरह वह गुजरात में 8 फीसदी रिजर्वेशन की मांग करते हैं। समस्त गुजरात ब्रह्म समाज ने ओबीसी कमीशन को पत्र लिखकर उन्हें ओबीसी में शामिल करने के लिए एक सर्वे की मांग की है। गुजरात ब्रह्म समाज के मुखिया यग्नेश देव ने कहा कि गुजरात में ब्राह्मणों की संख्या 60 लाख है, जो कि कुल जनसंख्या का 9.5 फीसद है। उन्होंने कहा कि 42 लाख ब्राह्मण आर्थिक रूप से कमजोर हैं।

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