पाकिस्तान से भारत आए 23 परिवारों को डेढ़ दशक से नहीं मिली भारतीय नागरिकता

नागरिकता संशोधन बिल के बाद में जो पाकिस्तान से भारत आए 23 परिवार को पिछले डेढ़ दशक से भारत की नागरिकता नहीं मिलने का मामला विधान सभा में उठाया।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 03 Mar 2020 11:42 PM (IST) Updated:Tue, 03 Mar 2020 11:42 PM (IST)
पाकिस्तान से भारत आए 23 परिवारों को डेढ़ दशक से नहीं मिली भारतीय नागरिकता
पाकिस्तान से भारत आए 23 परिवारों को डेढ़ दशक से नहीं मिली भारतीय नागरिकता

अजमेर, राज्य ब्यूरो। अजमेर दक्षिण विधायक श्रीमती अनिता भदेल ने मंगलवार को ध्यान आकर्षण के माध्यम से नागरिकता संशोधन बिल के बाद में जो पाकिस्तान से भारत आए 23 परिवार को पिछले डेढ़ दशक से भारत की नागरिकता नहीं मिलने का मामला विधान सभा में उठाया।

हर बार आवेदन करने के बावजूद भी 11 साल से नहीं मिली नागरिकता

विधायक भदेल ने कहा कि रीना बाई पत्नी मनोज आडवाणी जो कि रीना बाई कराची की रहने वाली व मनोज जो कि अजमेर के रहने वाले जिन्होने इनसे विवाह किया विवाह का प्रमाण-पत्र भी इनके पास है इनकी दो बेटिया भी है, आडवाणी द्वारा हर बार आवेदन करने के बावजूद भी इनको नागरिकता नही मिल नही रही लगभग 11 साल 2 माह हो गये है इनको भारत आए। 2 साल पहले इन्होने आवेदन भी कर दिया है, लेकिन 2 साल 7 माह के उपरांत भी इनको नागरिकता नही मिल रही है।

करांची से 16 साल पहले अजमेर आए सोनी को नहीं मिली भारत की नागरिकता

सारिका देवी पत्नी मनोज सोनी इनको भारत आए 15 साल हो गये इन्होने 3 साल 1 माह पहले आवेदन किया।

कविता देवी पत्नी श्री नेमीचंद सोनी को भारत आए 15 साल 11 माह हो गये इन्होने 3 साल 1 माह पहले आवेदन किया। करांची से 16 साल पहले अजमेर आए पुलिस लाईन निवासी हंसराज सोनी के पुत्र उमेश सोनी उन्हे भी भारत की नागरिकता दी जाए।

वीजा के नवीनीकरण कराने में देरी होने पर पेनल्टी राशि समाप्त हो

श्रीमती भदेल ने कहां कि हर दो साल में वीजा की अवधि बढवा कर यहां रह रहे है। लंबी अवधि के वीजा का नवीनीकरण कराने में एक दिन की देरी पर इन्हें दो हजार रुपए पेनल्टी देनी होती है। उस पेनल्टी राशि को समाप्त किया जाए।

डाॅ. जेठानी कट्टरपंथियों के जुल्म का शिकार होकर पाकिस्तान से 7 साल पहले भारत आए

डाॅ. मुनेश जेठानी पाकिस्तान से भारत कट्टरपंथियों के जुल्म का शिकार होकर पाकिस्तान से भारत आए। डाॅ. मनुेश द्वारा पाकिस्तान के सिंध प्रांत में यूनिवर्सिटी आॅफ सिंध हैदराबाद से एमबीबीएस करने के बाद ने वहां के एक छोटे कस्बे टड्डो आदम में प्रेक्टिस शुरू की थी। हिन्दू बाहुल्य इलाके में डाॅ. जेठानी की प्रेक्टिस सफल हो गई। डाॅ. जेठानी को भी भारत आए 7 साल हो गये इनका भी आवेदन मांगकर इन्हे भी भारत की नागरिकता दी जावे। इन्होंने कहां कि हर दो साल से लंबी अवधि वीजा पंजीकरण कर उन्हे जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया जा रहा है। यह परिवार नागरिकता के अभाव में खुद के घर, सरकारी नौकरी, बैंक अकाउंट और सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं से वंचित है।

नागरिकता नहीं मिलने से किसी भी तरह की सरकारी सुविधा नहीं मिलती

नागरिकता नहीं होने से न तो बैंक में खाता खोल सकते हैं और न ही रेलवे में आरक्षण, गैस कनेक्शन उन्हे मिल नहीं सकता, वह खुद का घर खरीद नहीं सकते। यह कहानी सिर्फ डाॅ. जेठानी की नही है बल्कि अजमेर में 11 हिन्दू परिवार हैं जो पाकिस्तान से यहां आकर बस तो गए हैं परन्तु नागरिकता के अभाव में दर-दर भटक रहे हैं।

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