साक्षी बनी गृहणी से ब्यूटी क्वीन

दो बच्चों की मां साक्षी विश्वेश ने ब्यूटी कांटेस्ट में हिस्सा लिया और उसमें टॉप तीन में चुनी गई। देश के करीब चालीस प्रतिभागियों को उनके सौंदर्य व प्रतिभा के क्षेत्र में पछाड़ कर यह खिताब जीता। उन्हें इस प्रतियोगिता में मोस्ट ब्यूटीफुल स्किन का खिताब भी मिला।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Thu, 19 Mar 2015 12:33 PM (IST) Updated:Thu, 19 Mar 2015 12:38 PM (IST)
साक्षी बनी गृहणी से ब्यूटी क्वीन

दो बच्चों की मां साक्षी विश्वेश ने ब्यूटी कांटेस्ट में हिस्सा लिया और उसमें टॉप तीन में चुनी गई। देश के करीब चालीस प्रतिभागियों को उनके सौंदर्य व प्रतिभा के क्षेत्र में पछाड़ कर यह खिताब जीता। उन्हें इस प्रतियोगिता में मोस्ट ब्यूटीफुल स्किन का खिताब भी मिला।

गृहणी से ब्यूटी क्वीन और फिर समाज सुधारक तक का सफर साक्षी विश्वेश ने ऐसे ही नहीं तय

किया, उन्हें सफलता मिली तो उनके विश्वास के बूते। शहर की सेक्टर 57 निवासी साक्षी ने जिंदगी में कुछ जुदा करने की चाह रखी, लेकिन बाद

में पारिवारिक दायित्वों व सामाजिक जिम्मेदारियों को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया। इसके बावजूद कुछ कर गुजरने के जज्बा उनके

अंदर बना रहा। दो बच्चों की मां ने ब्यूटी कांटेस्ट में हिस्सा लिया और उसमें टॉप तीन में चुनी गई। देश के करीब चालीस प्रतिभागियों को उनके

सौंदर्य व प्रतिभा के क्षेत्र में पछाड़ कर साक्षी ने यह खिताब जीता। उन्हें इस प्रतियोगिता में मोस्ट ब्यूटीफुल स्किन का खिताब भी मिला। साथ ही उनके समाजसेवा व इसके लिए जज्बे को देखते हुए उन्हें स्टेट चैरिटी के लिए भी चुना गया है।

शुरुआत

हाल ही में हुई मिसेज इंडिया क्वीन आफ सब्सटेंस के कम उम्र के वर्ग में साक्षी को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेना उनके

लिए महज एक इत्तेफाक था। साक्षी ने दोस्तों के कहने पर फार्म भरा और उसके लिए पूरी लगन के साथ तैयारियों में जुट गई। उन्होंने यह नहीं

सोचा कि जीत मिलेगी या हार, बस इतना विश्वास रखा कि जो भी होगा उससे उन्हें समाज से उस वर्ग के लिए काम करने के लिए बड़ा मंच मिलेगा, जो कमजोर है और जिसे मदद की

जरूरत है।

परिवार का सहयोग

दो बच्चों की मां साक्षी के लिए प्रतियोगिता में हिस्सा लेना और घर संभालना बेहद मुश्किल था। ऐसे में उनका परिवार उनके साथ खड़ा रहा। भावानात्मक व मानसिक संबल पति मर्चेंट नेवी अधिकारी अभिनव विश्वेश से मिला। इसके अलावा मां चांद भटनागर, बहनें स्तुति व

क्षितिज ने घर पर बच्चों की देखरेख व अन्य तरह का सपोर्ट किया। ऐसे में परिवार के सहयोग के चलते उन्हें यह सफलता मिली।

समाज सेवा की चाह

साक्षी हमेशा से देश के लिए कुछ करना चाहती थी। उन्होंने सोचा कि हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति हो रही है, विभिन्न क्षेत्रों के लिए सरकार लगातार योजनाएं बना रही है, लेकिन कमजोर तबके के उत्थान के लिए कोई योजना कारगर साबित नहीं

हो रही है। ऐसे में उन्होंने इस वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए काम करना शुरू कर दिया। वे महिलाओं को शिक्षित, जागरूक व प्रशिक्षित

करने का काम करती हैं। बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देती हैं। अब तक वे इस काम को केवल अपने ही स्तर पर करती थी, लेकिन अब ब्यूटी

क्वीन बनने के बाद उन्हें इस काम को करना के लिए बड़ा मंच मिल गया है।

लक्ष्य

आगे चलकर साक्षी कमजोर तबके की शिक्षा के लिए स्कूल खोलना चाहती हैं। इसके अलावा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए काम करना चाहती हैं। उन्हें लगता है कि अब उनकी एक पहचान बन जाने के बाद उनके साथ मदद के लिए कई हाथ जुड़ेंगे तो बहुत लोगों का फायदा

हो सकेगा।

परिचय

मूलरूप से दिल्ली निवासी साक्षी के पिता वीके भटनागर व होम्योपैथिक डाक्टर मां चांद भटनागर ने साक्षी को अपना लक्ष्य खुद निर्धारित करने की आजादी दी थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मेरी कालेज से हिस्ट्री में एसए किया। उनकी शादी गुडग़ांव के मर्चेंट नेवी अधिकारी अभिनव से हुई। शादी और बच्चों के बाद साक्षी ने थोड़ा समय परिवार को दिया और ब्रेक के बाद फिर से कमजोर वर्ग की सहायता के काम में जुट गई। अब ब्यूटी क्वीन बनने के बाद उन्हें स्टेट चैरिटी का काम भी दिया गया है जिसके तहत वे देश भर में समाज सुधार का कार्य करेंगी।

प्रस्तुति: प्रियंका दुबे मेहता

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