हॉकी चयन शिविर में ओडिशा के छह खिलाड़ी

हॉकी इंडिया ने चयन शिविर के लिए वरिष्ठ हॉकी खिलाड़ी की 30 सदस्यीय टीम की घोषणा की है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 Oct 2021 10:00 PM (IST) Updated:Sat, 02 Oct 2021 10:00 PM (IST)
हॉकी चयन शिविर में ओडिशा के छह खिलाड़ी
हॉकी चयन शिविर में ओडिशा के छह खिलाड़ी

जासं, राउरकेला : हॉकी इंडिया ने चयन शिविर के लिए वरिष्ठ हॉकी खिलाड़ी की 30 सदस्यीय टीम की घोषणा की है। इस टीम में ओडिशा के छह खिलाड़ी शामिल हैं। इनमें अमित रोहिदास, सिलानंद लकड़ा, सुमन बेक, दीपसेन तिर्की, नीलम संजीब खेस और आशीष कुमार टोपनो शामिल हैं। ओडिशा से छह खिलाड़ियों के शामिल होने पर सुंदरगढ़ जिले समेत पूरे राज्य के खेल प्रेमियों में खुशी की लहर देखी जा रही है। बालीजोड़ी शिशु आश्रम से भागकर बालीशंकरा पहुंचा था बालक : बालीशंकरा ब्लाक के खपूरीलता में मिले बालक को टांगरपाली ब्लाक स्थित बालीजोड़ी शिशु आश्रम में भेजा गया है। भूखे प्यासे बालक 23 सितंबर की शाम को वहां पहुंचा था एवं छह दिन तक गांव में रहा। इसका पता चलने के बाद आश्रम से जुड़े लोग वहां पहुंचकर बालक को ले आए। लापता होने के बाद भी आश्रम की ओर से शिशु सुरक्षा यूनिट को सूचना नहीं दी गई थी। ग्रामीणों की ओर से यूनिट को सूचना मिलने के बाद भी सक्रियता नहीं दिखाने पर जिले में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं।

टांगरपाली ब्लाक के बालीजोड़ी शिशु आश्रम से बालक के लापता होने के बाद आश्रम प्रबंधन की ओर से निकट के थाना एवं शिशु सुरक्षा यूनिट को सूचित करना चाहिए पर पांच दिन बाद तक न तो थाना में और ना ही यूनिट को इसकी सूचना दी गई थी, खुद शिशु सुरक्षा अधिकारी श्रीवंत जेना ने यह बात कही है। 28 सितंबर को खुपरीलता जाकर आश्रम प्रबंधन से जुड़े लोग उसे लेकर थाना में हाजिर हुए एवं अपनी गलती छिपाने का प्रयास किया। बालीजोड़ी स्थित गैर सरकारी शिशु आश्रम में वैसे बच्चों को रखा जाता है जिनके माता पिता नहीं होते हैं या असहाय होते हैं। बालक के आश्रम के भागने के बाद खुपरीलता पहुंचने के बाद शिशु सुरक्षा यूनिट को इसकी सूचना दी गई पर उसे लेने के लिए कोई नहीं पहुंचा जिस कारण गांव के लोगों ने ही उसे आश्रय दिया। छह दिन बाद 28 सितंबर को फिर शिशु सुरक्षा अधिकारी से संपर्क किया गया तब उन्होंने उसे पुलिस के हवाले करने का परामर्श दिया। काउंसिलिग या पुनर्वास के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। आश्रम से बालक के भागने के संबंध में भी जांच जरूरी नहीं समझी जा रही है।

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