जुएल, जार्ज व सुनीता सहित आठ ने भरा पर्चा

सुंदरगढ़ संसदीय सीट के लिए मंगलवार को नामांकन के आखिरी दि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Mar 2019 10:03 PM (IST) Updated:Tue, 26 Mar 2019 10:03 PM (IST)
जुएल, जार्ज व सुनीता सहित आठ ने भरा पर्चा
जुएल, जार्ज व सुनीता सहित आठ ने भरा पर्चा

जागरण संवाददाता, राउरकेला: सुंदरगढ़ संसदीय सीट के लिए मंगलवार को नामांकन के आखिरी दिन जिले के राजनीतिक दिग्गज जुएल ओराम, जार्ज तिर्की सहित नई सूरमा सुनीता बिस्वाल ने पर्चा भरा। सुंदरगढ़ जिला मुख्यालय में सबसे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम समर्थकों के साथ पर्चा दाखिल करने पहुंचे। जिलाधीश रश्मिता पंडा के कार्यालय पहुंचने से पहले ही जुएल ओराम वहां पहुंच चुके थे। उनके आने के महज 20 मिनट बाद ही बीजद की उम्मीदवार तथा पूर्व मुख्यमंत्री हेमानंद बिस्वाल की बेटी सुनीता बिस्वाल भी समर्थकों के साथ मुख्यालय पहुंची। दोनों उम्मीदवार जिलाधीश कार्यालय के बाहर बैठकर इंतजार करने लगे। इस दौरान दोनों के समर्थकों की भारी भीड़ जिलाधीश कार्यालय के बाहर लगी रही। सबसे अंत में कांग्रेस के उम्मीदवार जार्ज तिर्की नामांकन करने पहुंचे। क्योंकि वे अपने बेटे रोहित जोसेफ तिर्की का पानपोष उपजिलापाल कार्यालय बीरमित्रपुर विधानसभा सीट के लिए नामांकन कराने में व्यस्त थे इसलिए सबसे अंत में पहुंचे।

तीनों उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल करने के बाद सुंदरगढ़ शहर में अलग-अलग रैली निकालकर शहर परिक्रमा की। इसी तरह बहुजन समाज पार्टी से बागी लकड़ा ने अपना नामांकन दायर किया। अन्यों में हिदुस्तान निर्माण दल से दयानंद भितिरिया निर्दलीय के रूप में जस्टिन लाकड़ा व पीटर खालको ने नामांकन दायर किया। कुल आठ उम्मीदवारों ने मंगलवार को नामांकन किया जबकि सोमवार को तीन उम्मीदवारों ने नामांकन किया था। कुल 11 उम्मीदवारों ने सुंदरगढ़ संसदीय सीट के लिए नामांकन दाखिल किया है।

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केंद्र की मोदी सरकार के नीतियों का असर जमीन पर दिख रहा है। लोग विकास चाह रहे हैं और भाजपा विकास की राजनीति करती है। लिहाजा अपनी जीत को लेकर पूरी तरह सुनिश्चित हूं। बतौर केंद्रीय मंत्री व सांसद जितना कार्य कर सका किया हूं कुछ काम अधूरे भी हैं जिसे पूरा करना मकसद है। सुंदरगढ़ संसदीय सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना जताते हुए जुएल ने कहा कि जीत उन्हीं की होगी।

- जुएल ओराम, सुंदरगढ़ संसदीय सीट से भाजपा के उम्मीदवार

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राज्य की पटनायक सरकार ने विकास को जन-जन तक पहुंचाया है। उन्हीं की नीतियों से प्रेरित होकर बीजद में शामिल हुई हैं। बीजद ने मुझपर भरोसा जताया है। पता है कि मेरा मुकाबला जुएल ओराम व जार्ज तिर्की जैसे दिग्गजों से है। लेकिन मैं लोगों के साथ जुड़ रही हूं और अपनी जीत के लिए आश्वस्त हूं।

- सुनीता बिस्वाल, सुंदरगढ़ संसदीय सीट से उम्मीदवार, बीजद

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मेरा किसी से मुकाबला नहीं है। मेरी जीत सुनिश्चित है। राज्य व केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जनता में गुस्सा है। खासकर आदिवासियों के हितों को जिस तरह से कुचला जा रहा है उससे आदिवासी समाज मर्माहत है। मेरी जीत तय है।

- जार्ज तिर्की, बीरमित्रपुर के विधायक व सुंदरगढ़ संसदीय सीट के उम्मीदवार

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दल में आंतरिक लोकतंत्र नहीं रह गया है। केवल कुछ लोगों की पार्टी बनकर रह गई है। लिहाजा मैं निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन कर रहा हूं। सरकारी नौकरी छोड़कर नि:स्वार्थ भाव से दल के लिए लगातार काम कर रहा हूं। लेकिन दरकिनार किए जाने से दु:खी होकर विरोध जताने नामांकन किया हूं।

- उपेंद्र प्रधान, भाजपा नेता तथा सुंदरगढ़ संसदीय सीट से निर्दलीय उम्मीदवार

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आजादी के सत्तर साल बाद भी संवैधानिक अधिकारों से आदिवासी वंचित हैं। अब भी वे गुलाम जैसे हैं। उनको न्याय दिलाने के उद्देश्य से मैंने नामांकन परचा भरा है। जीत होने पर आदिवासियों के अधिकारों को सुनिश्चित कराया जाएगा।

- बागी लाकड़ा, उम्मीदवार

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