Coronavirus: कोरोना संक्रमण के कारण एनआइटी राउरकेला बंद, फंसे 137 विदेशी विद्यार्थी

राउरकेला स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कोरोना के कारण बंद कर दिया गया है ऐसे में छात्रावास खाली कराए जाने पर 138 विद्यार्थी दोस्तों घरों पर रुकने को विवश हैं।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Sat, 04 Apr 2020 09:47 AM (IST) Updated:Sat, 04 Apr 2020 09:47 AM (IST)
Coronavirus: कोरोना संक्रमण के कारण एनआइटी राउरकेला बंद, फंसे 137 विदेशी विद्यार्थी
Coronavirus: कोरोना संक्रमण के कारण एनआइटी राउरकेला बंद, फंसे 137 विदेशी विद्यार्थी

राउरकेला, जागरण  संवाददाता। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर राउरकेला स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान एनआईटी को भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही छात्रावास को भी खाली कराने का निर्देश दिया गया। ऐसे में अफगानिस्तान श्रीलंका समेत विभिन्न देशों से आए 137 विद्यार्थी संस्थान में फंस गए हैं । 138 विद्यार्थी अपने दोस्तों के पास रहने के लिए विवश हैं।

एनआईटी के 20 विभागों में कुल 6182 विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं उनमें से 275 विदेशी हैं। इनमें श्रीलंका मलेशिया, भूटान, सऊदी अरब, पाकिस्तान, ओमान, ईरान, नेपाल, कांगो, मालदीव, सऊदी अरब अमीरात अफगानिस्तान आदि के हैं। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर एनआईटी प्रबंधन की ओर से 14 मार्च को छात्रावास खाली करने का निर्देश दिया गया था एवं 17 मार्च की आधी रात तक हॉस्टल खाली कराया गया। 

विदेशों के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास में ही रहने की व्यवस्था करने की बात कही गई थी। देश के विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों को  लौटने का मौका मिल गया, पर विदेशी  विद्यार्थी अपने घर नहीं जा सके। कोरोना के गंभीर रूप लेने के कारण केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से लॉक डाउन कर दिया गया।

इसके साथ ही 23 मार्च से एनआईटी को पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया गया। संस्थान की पुस्तकालय के साथ-साथ रेस्टोरेंट भी बंद कर दिए गए। ऐसी हालत में विदेशी छात्रों की मुश्किलें बढ़ गई। 14 से 23 मार्च के बीच 275 छात्रों में से 138 छात्रावास छोड़कर अपनी व्यवस्था कर अपने-अपने दोस्तों के पास या रिश्तेदारों के पास चले गए, जबकि 137 विद्यार्थी अब भी एनआईटी के छात्रावास में ही रह रहे हैं। उनके लिए कैंपस में ही अलग से मैस बनाकर भोजन का प्रबंध किया जा रहा है।

इन विद्यार्थियों में सबसे अधिक श्रीलंका के 39 हैं। अभिभावकों की ओर से श्रीलंका के राष्ट्रपति से उन छात्रों की व्यवस्था करने का निवेदन किया गया है। श्रीलंका सरकार की ओर से भारत सरकार की विदेश मंत्रालय के साथ इस संबंध में बातचीत होने एवं विशेष विमान की व्यवस्था करने की जानकारी भी मिली है। परंतु लॉकडॉन के चलते उनके स्वदेश वापस ले जाने का प्रबंध नहीं हो सका है।

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