पुरी श्रीमंदिर में की जाएगी ये खास व्यवस्था, 5000 श्रद्धालुओं के लिए बनेगा विशाल मंडप

पुरी श्रीमंदिर में 5000 श्रद्धालुओं को बिठाकर महाप्रसाद खिलाने के लिए विशाल मंडप का निर्माण किया जाएगा।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Wed, 05 Feb 2020 08:51 AM (IST) Updated:Wed, 05 Feb 2020 08:51 AM (IST)
पुरी श्रीमंदिर में की जाएगी ये खास व्यवस्था,  5000 श्रद्धालुओं के लिए बनेगा विशाल मंडप
पुरी श्रीमंदिर में की जाएगी ये खास व्यवस्था, 5000 श्रद्धालुओं के लिए बनेगा विशाल मंडप

भुवनेश्वर, जेएनएन। पुरी श्रीमंदिर के पास 5000 श्रद्धालुओं को बैठकर महाप्रसाद खाने के लिए एक विशाल मंडप बनाया जाएगा। मंदिर के पास संकीर्तन के लिए भी व्यवस्था की जाएगी। यज्ञ, ध्यान आदि करने के लिए स्थान बनाया जाएगा। पुरी में प्रस्तावित श्रीमंदिर कॉरिडोर में यह तीन काम जोड़े गए हैं। करिडोर पर पहले चरण में श्रीमंदिर कार्यालय सम्मेलन कक्ष में विचार विमर्श किया गया था। मंगलवार को दूसरे चरण की बैठक भुवनेश्वर सेतु भवन में की गई। 

हेरिटेज कॉरिडोर की रूपरेखा

श्रीमंदिर संचालन कमेटी के अध्यक्ष गणपति महाराज दिव्य सिंहदेव की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में कमेटी के अन्य सदस्यों की उपस्थिति में यह निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही अप्रैल महीने के पहले सप्ताह तक हेरिटेज कॉरिडोर की रूपरेखा बनकर तैयार हो जाने की जानकारी श्री मंदिर के मुख्य प्रशासक  किशन कुमार ने दी है। उन्होंने कहा कि इसके बाद काम शुरू किया जाएगा और 2 साल के अंदर इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

बैठक में उपस्थित श्रीमंदिर संचालन कमेटी के सदस्य, सेवायतों के प्रतिनिधि, गवेषकों से करिडोर के लिए तैयार नक्शा में और क्या क्या बदलाव किया जा सकता है उनके मत लिए गए। बैठक में रघुनाथ महापात्र ने श्रीमंदिर के पास किए गए सुंदरीकरण कार्य में उत्कलीय कला की छाप ना होने से नाराजगी जाहिर की। ‌ उन्होंने इस क्षेत्र में प्रशासन से विशेष ध्यान देने की मांग की।

स्वर्गद्वार जाने के लिए कॉरिडोर 

श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक किशन कुमार ने कहा कि श्री महापात्र की मांग पर ध्यान दिया जाएगा। श्रीमंदिर के सामने से स्वर्गद्वार जाने के लिए एक कॉरिडोर तैयार करने का प्रस्ताव इस अवसर पर सेवायतों ने दिया। रथखला के साथ रथ से संबंधित सभी कार्य एवं परंपरा जिस जगह पर होती है वहां पर उन सभी को रखना उचित है। श्रीमंदिर के चारों तरफ रहने वाले मोहल्‍लों में यातायात जिस प्रकार से स्वाभाविक हो उस पर विशेष ध्यान देने के लिए सेवायतों ने अनुरोध किया है। सेवायतों ने इस अवसर पर आशंका भी प्रकट की है कि कॉरिडोर निर्माण होने से प्राचीन परंपरा भंग हो सकती है।

महाप्रभु की महिमा

खासकर शाही परंपरा के मुताबिक अरुण स्तंभ के सामने मृत्यु के बाद अंतिम दर्शन करने तथा देवता एवं चलंती प्रतिमाओं के पहंडी होने में असुविधा होगी। बैठक में हेरीटेज कॉरिडोर प्लान तैयार करने वाली भूमिपुत्र कंपनी की तरफ से प्लान की जानकारी दी गई। बैठक के बाद गजपति महाराज ने कहा कि कॉरिडोर पर बीच-बीच में इसी तरह से चर्चा की जाएगी। 75 मीटर वाले स्थान पर काम शुरू हो गया है। श्री जगन्नाथ संस्कृति, महिमा एवं परंपरा को बढ़ाते हुए महाप्रभु की महिमा का पूरी दुनिया में जिस प्रकार से प्रचारित प्रसारित हो उस दिशा में काम किया जा रहा है।

श्रीमंदिर की नीति में बदलाव नहीं 

मुख्य प्रशासक ने कहा कि हेरिटेज कॉरीडोर प्लान प्रस्ताव पर वर्तमान समय तक 231 लोगों का मतामत इमेल के जरिए आया है। गणपति महाराज, सेवायत तथा अन्य लोग भी अपना मत रखे है। गवेषक, संचालन कमेटी के सदस्य, पूर्व सदस्य तथा अन्य जानकार लोगों के साथ चर्चा की जा रही है। मार्च महीने के अंतिम सप्ताह या फिर अप्रैल महीने के पहले सप्ताह तक अंतिम रिपोर्ट तैयार करने की योजना है। श्री मंदिर आने वाले भक्तक्षमहाप्रभु का आसानी से दर्शन कर वापस लौटे इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कॉरीडोर के लिए श्रीमंदिर की नीति या फिर परंपरा में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

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