सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण: 400 किमी. तक लक्ष्य भेदन क्षमता के साथ और भी हैं खूबियां

Successful test of BrahMos Supersonic Cruise Missile चांदीपुर परीक्षण केन्द्र के 3 नंबर लांचिंग पैड से आज सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर परसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफलता के साथ परीक्षण किया गया। इस मिसाइल की लम्बाई 8.4 मीटर है जबकि इसकी मोटाई 0.6 मीटर है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 02:39 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 02:39 PM (IST)
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण: 400 किमी. तक लक्ष्य भेदन क्षमता के साथ और भी हैं खूबियां
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का आज सफलता के साथ परीक्षण किया गया

बालेश्‍वर, लावा पांडे। सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का आज सफलता के साथ परीक्षण किया गया है। आज जिस मिसाइल का परीक्षण हुआ है वह ब्रह्मोस मिसाइल की अपग्रेड वर्जन है। इस मिसाइल में लाइफ एक्सटेंशन टेकनोलाजी का प्रयोग किया गया है। चांदीपुर परीक्षण केन्द्र के 3 नंबर लांचिंग पैड से आज सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर इस मिसाइल का परीक्षण किया गया है। 

जानें क्‍या है मिसाइल की खूबियां

जानकारी के मुताबिक पहले इस मिसाइल की लक्ष्य भेदन क्षमता 290 किमी. थी जबकि पहली बार इस मिसाइल के लक्ष्य भेदन क्षमता में परिवर्तन किया गया है। अब यह मिसाइल 400 किमी. तक लक्ष्य भेद करने में सक्षम होने की जानकारी प्रतिरक्षा विभाग की तरफ से दी गई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस मिसाइल को भारत एवं रूस के संयुक्त प्रयास विकसित किया गया है। इस मिसाइल की लम्बाई 8.4 मीटर है जबकि इसकी मोटाई 0.6 मीटर है। यह मिसाइल 2.5 टन तक परमाणु अणु एवं परमाणुक युद्धास्त्र ले जाने में सक्षम है।

ब्रह्मोस मिसाइल 2.5 मेक ध्वनि की गति से लगभग 3 गुना की गति से उड़ान भर्ती है। भारत पहले ही कई रणनीतिक स्थानों पर बड़ी संख्या में मुख्यतः ब्रह्मोस मिसाइलों और अन्य प्रमुख मिसाइलों को तैनात कर चुका है सूत्रों की मानें तो आने वाले अगले सप्ताह में और कई अत्याधुनिक मिसाइलों का भारत परीक्षण कर सकता है इसे या तो चांदीपुर के परीक्षण स्थल या फिर अब्दुल कलाम द्वीप से हवा में उड़ाए जाने की संभावना है।

जानें क्‍या है BrahMos से अभिप्राय

BrahMos में Brah का अर्थ है ‘ब्रह्मपुत्र’ जबकि Mos का आशय ‘मोस्‍कवा’ से है। मोस्कवा रूस में बहने वाली एक नदी का नाम है। 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में ब्रह्मोस की गिनती होती है, ये सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इस मिसाइल की मदद से 4300 किमी प्रतिघंटा की तेज गति से दुश्मन के ठिकानों को तबाह किया जा सकता है। ये 400 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन को निशाना बना सकती है।

भारत बीते कुछ समय से लगातार नई-नई मिसाइलों का परीक्षण करता चला आ रहा है इसी कड़ी के तहत इस तरह के पुराने मिसाइलों में नए तकनीक डालकर परीक्षण करने की प्रक्रिया आगे भी चलती रहेगी। एक सप्ताह पहले यानी कि 11 जनवरी को डीआरडीओ ने भारतीय नौसेना से ब्रम्होस का नौसैनिक संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था तथा यह मिसाइल अपने निशाने को ध्वस्त करने में पूरी तरह कामयाब रही थी। रक्षा सूत्रों की माने तो आज के परीक्षण को देखते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ के अधिकारियों को सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई दी है।

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