पुरी जगन्नाथ मंदिर में नौ दिवसीय गुप्त गुंडिचा यात्रा शुरू: दर्शन मात्र से मिलते हैं कई जन्मों के पुण्य

Gundicha Yatra 2021 पुरी श्रीजगन्नाथ मंदिर (Puri Jagannath Temple) में नौ दिवसीय गुप्त गुंडिचा यात्रा शुरू हुई है। यह परंपरा व नीति 9 दिन अर्थात नवमी तिथि तक जारी रहेगी। गवान जगन्नाथ के प्रतिनिधि दुर्गा माधव की विधि मुताबिक पूजा-अर्चना की गई।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 02:43 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 02:43 PM (IST)
पुरी जगन्नाथ मंदिर में नौ दिवसीय गुप्त गुंडिचा यात्रा शुरू: दर्शन मात्र से मिलते हैं कई जन्मों के पुण्य
पुरी श्रीजगन्नाथ मंदिर में नौ दिवसीय गुप्त गुंडिचा यात्रा शुरू

पुरी, जागरण संवाददाता। पुरी श्रीजगन्नाथ मंदिर (Puri Jagannath Temple) में शुक्ल प्रतिपदा द्वितीय तिथि से दुर्गा माधव की नौ दिवसीय गुप्त गुंडिचा यात्रा (Gundicha Yatra) शुरू हुई है। परंपरा के अनुसार हर साल की तरह इस साल भी विमान (पालकी) में विराजमान होकर दुर्गा माधव दोल मंडप शाही में स्थित मां नारायणी मंदिर (Maa Narayani devi Temple) पहुंचे। यहां पर पूजा विधि सम्पन्न होने के बाद दुर्गा माधव श्री मंदिर लौट आए। यह परंपरा व नीति 9 दिन अर्थात नवमी तिथि तक जारी रहेगी। मां नारायणी मंदिर में पहुंचने के बाद भगवान जगन्नाथ के प्रतिनिधि दुर्गा माधव की विधि मुताबिक पूजा-अर्चना की गई। यह परंपरा काफी पुरानी है। माना जाता है कि यदि कोई भक्त इस गुप्त गुंडिचा यात्रा के अवसर पर भगवान जगन्नाथ जी के प्रतिनिधि दुर्गा माधव का दर्शन करता है तो उसे अनेक जन्मों का फल प्राप्त होता है।

यहां उल्लेखनीय है कि भगवान जगन्नाथ महाप्रभु की बड़े भाई बलभद्र, देवी सुभद्रा, चक्रधारी सुदर्शन के साथ आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि में श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर तक की नव दिवसीय यात्रा को गुंडिचा यात्रा कहा जाता है, मगर नवरात्रि के समय जब भगवान के प्रतिनिधि दुर्गा माधव की 9 दिवसीय (श्रीमंदिर से नारायणी मंदिर) यात्रा को गुप्त गुंडिचा यात्रा कहा जाता है। श्रीमंदिर में चंदन लागी नीति खत्म होने के बाद दुर्गा माधव पालकी में विराजमान होकर श्री मंदिर लौटे।

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