Naba Das की हत्या साजिश या व्यक्तिगत प्रतिशोध? नहीं मिल रहा इन 10 सवालों का जवाब

Naba Das Murder स्वास्थ्य मंत्री नव दास की हत्या हुए 36 घंटे बीत चुके हों लेकिन पुलिस अभी भी हत्या के पीछे की मंशा के बारे में चुप्पी साधे हुए है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी मंत्री की पुलिस ने दिनदहाड़े हत्या कर दी।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Tue, 31 Jan 2023 09:08 AM (IST) Updated:Tue, 31 Jan 2023 09:08 AM (IST)
Naba Das की हत्या साजिश या व्यक्तिगत प्रतिशोध? नहीं मिल रहा इन 10 सवालों का जवाब
स्वास्थ्य मंत्री नव दास हत्याकांड ने पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल खड़े कर दिए।

अनुगुल, संतोष कुमार पांडेय। ओडिशा के भले ही स्वास्थ्य मंत्री नव दास की हत्या हुए 36 घंटे बीत चुके हों, लेकिन पुलिस अभी भी हत्या के पीछे की मंशा के बारे में चुप्पी साधे हुए है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी मंत्री की पुलिस ने दिनदहाड़े हत्या कर दी। दिवंगत स्वास्थ्य मंत्री नव दास की रविवार को उनके गृह जिले में एएसआई गोपालकृष्ण दास ने हत्या कर दी थी। इस घटना ने जहां राज्य को अंदर तक झकझोर कर रख दिया, वहीं अब सरकार और पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल खड़े किए हैं।

लोगों के मन में इस वक्त ये सवाल घूम रहे हैं:

1. एक पुलिस वाले ने एक मंत्री की हत्या क्यों की?

2. क्या यह किसी बड़ी राजनीतिक साजिश का हिस्सा है?

3. क्या सिपाही ने अपना निजी हिसाब चुकता करने के लिए मंत्री की हत्या की?

4. क्या पुलिस वाले ने मानसिक बीमारी के चलते अपराध किया?

5. क्या इसमें किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता है?

6. क्या हत्या के पीछे कारोबारी रंजिश है?

7. क्या यह पुलिस की लापरवाही की वजह से हुआ?

8. क्या यह खुफिया विभाग की नाकामी की वजह से हुआ?

9. अगर एएसआई मानसिक रूप से अस्थिर था तो उसे सर्विस रिवॉल्वर क्यों मुहैया कराई गई?

10. क्या मंत्री के दौरे के दौरान मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन किया गया?

आइए समझते हैं कि किसी मंत्री की यात्रा के दौरान किन मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन किया जाना चाहिए। गृह विभाग के नियमानुसार येलो बुक के अनुसार एसओपी राज्यपाल, मुख्यमंत्री या किसी मंत्री के दौरे के दौरान जारी किए जाते हैं।

बता दें कि एक मंत्री का निजी सचिव जिला कलेक्टर, एसपी और डीजीपी को मंत्री के दौरे के बारे में जानकारी देता है। एक अधिकारी को कार्यक्रम प्रभारी नियुक्त किया जाता है जबकि सुरक्षा व्यवस्था कार्यक्रम के अनुसार की जाती है, पीएसओ, पायलटिंग और सुरक्षा बलों को तैनात किया जाता है। पायलटिंग टीम और सुरक्षा बल में एक पुलिस अधिकारी और बल का आधा हिस्सा होता है।

इसके साथ ही अतिरिक्त बल की आवश्यकता होने पर एसपी रेंज डीआईजी को सूचित करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी मंत्री के दौरे के दौरान खुफिया और कानून व्यवस्था की टीम आपस में समन्वय रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था देखती है।

पूर्व डीजीपी संजीव मारिक ने कहा, 'फुटेज से मुझे लगता है कि एसओपी का ठीक से पालन नहीं किया गया। इस बीच, मृतक नेता के रिश्तेदारों और कुछ समर्थकों ने आरोप लगाया कि हत्या एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। "यह एक साजिश का हिस्सा था। और यह शीर्ष स्तर की साजिश थी।

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