Year-ender 2020: साल भर जारी रही सम्भावना व संघर्ष की लड़ाई, मिले नए अनुभव; एक टेबल पर ममता एवं अमित शाह ने किया भोजन

Odisha Politics 2020 वर्ष 2020 खत्म बस खत्‍म होने ही वाला है। ये एक ऐसा वर्ष रहा जिसे शायद ही कभी भुलाया जा सके। 2020 में हुए उप चुनाव ने नेताओं को नया अनुभव प्रदान किया तो राजनीति में किन घटनाओं को लेकर हंगामा हुआ- एक नजर इस पर भी

By Babita kashyapEdited By: Publish:Mon, 28 Dec 2020 12:53 PM (IST) Updated:Mon, 28 Dec 2020 12:53 PM (IST)
Year-ender 2020: साल भर जारी रही सम्भावना व संघर्ष की लड़ाई, मिले नए अनुभव; एक टेबल पर ममता एवं अमित शाह ने किया भोजन
एक ही डाइनिंग टेबल पर अमित शाह एवं ममता बनर्जी ने एक टेबल पर बैठकर भोजन किया था।

भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। संभावना एवं संघर्ष के बीच वर्ष 2020 खत्म हो रहा है। इस साल ने कई नए अनुभव दिए। जनता के लिए कोविड लॉकडाउन तो विधानसभा अधिवेशन चलाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई। पहले के चुनाव एवं 2020 में हुए उप चुनाव ने नेताओं को नया अनुभव प्रदान किया। 2020 साल राज्य की राजनीति में किन घटनाओं को लेकर हंगामा हुआ तथा किन प्रसंग को लेकर राज्य की राजनीति सरगर्म हुई थी इन तमाम विषयों को लेकर विशेष प्रस्तुति-

 नवीन बने देश के नंबर वन मुख्यमंत्री

 ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक देश के नंबर वन मुख्यमंत्री बने। जून प्रथम सप्ताह में राष्ट्रीय स्तर पर हुए एक सर्वे में नवीन को 95.6 प्रतिशत रेटिंग के साथ पहले स्थान पर थे। नवीन पटनायक से पीछे हिमांचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। एक टेबल पर नवीन के साथ ममता एवं अमित शाह जून प्रथम सप्ताह में राष्ट्रीय स्तर पर हुए एक सर्वे में नवीन को 95.6 प्रतिशत रेटिंग के साथ पहले स्थान पर थे। नवीन पटनायक से पीछे हिमांचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।

  एक टेबल पर नवीन के साथ ममता एवं अमित शाह राजनीति में 

 परस्पर में एक दूसरे के धुर विरोधी ममता अमित शाह एवं ममता बनर्जी तथा नवीन पटनायक एक टेबल पर बैठकर भोजन किया। फरवरी के अंत में भुवनेश्वर में आयोजित होने वाली पूर्वांचल परिषद बैठक में आयी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एवं गृहमंत्री अमित शाह को एक टेबल पर नवीन पटनायक ने बैठने की व्यवस्था की। नवीन निवास में एक ही डाइनिंग टेबल पर अमित शाह, ममता बनर्जी, नितीश कुमार, धर्मेन्द्र प्रधान एवं नवीन पटनायक एक टेबल पर बैठकर भोजन किया था।

  राज्यसभा के लिए चुने गए 4 बीजद उम्मीदवार

राज्यसभा के लिए खाली पड़ी 4 सीट पर बीजू जनता दल के पास चली गई। बीजद उम्मीदवार सुबाष सिंह, सुजीत कुमार, मुन्ना खान, ममता महंत निर्विरोध चुने गए।

  राजनेताओं की मृत्यु

 वर्ष 2020 केवल अच्छा ही अनुभव दिया है, ऐसा नहीं है, राजनीतिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। पश्चिम ओड़िशा विकास परिषद के अध्यक्ष तथा वरिष्ठ बीजद नेता सुभाष चौहान का निधन हो गया। उसी तरह से तिर्तोल विधायक विष्णु दास, पिपिली विधायक प्रदीप महारथी, बालेश्वर विधायक मदन मोहन दत्त का निधन हुआ। पूर्व राज्यसभा सांसद नरेन्द्र स्वांई, ओडिशा विधानसभा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शरत कर को प्रदेश ने खो दिया। 

  उप चुनाव में बीजद की सफलता

 कोरोना काल में अनुष्ठित होने वाले बालेश्वर सदर तथा तिर्तोल विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में बीजद ने बाजी मारी। भाजपा से बालेश्वर सदर विधानसभा सीट 13 हजार से अधिक वोट से बीजद ने छीन लिया। उसी तरह से विष्णु दास के बेटे विजय शंकर दास ने तिर्तोल सीट से बीजद के टिकट पर 41 हजार वोट के अंतराल से चुनाव जीता। 

  ठगी मामले में जेल भेजे गए बीजद विधायक प्रदीप पाणीग्राही

नौकरी की लालच दिखाकर मोटी रकम कमाने वाले बीजू जनता दल के विधायक प्रदीप पाणीग्राही को न सिर्फ पार्टी से निकाला गया बल्कि उन्हें सलाखों के पीछे भी भेजा गया। क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने उन्हें गिरफ्तार किया था। प्रदीप पाणीग्राही पर अपने होने वाले दामाद के साथ मिलकर एकाधिक युवकों से करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप लगा था। गिरफ्तार पाणीग्राही वर्तमान समय में जेल में हैं।

  बिना प्रश्नकाल के चली विधानसभा

कोरोना महामारी के कारण विधानसभा का अधिवेशन बिना प्रश्नकाल के सम्पन्न हुआ। कोविड संक्रमण के बीच दो बार ओडिशा विधानसभा का सत्र चला मगर एक भी बार प्रश्नकाल नहीं हुआ। 

 भाजपा एवं कांग्रेस नए राज्य प्रभारी

पार्टी के संगठन को मजबूत करने के लिए दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों ने अपने प्रभारी को बदल दिया। कांग्रेस ने चेल्ला कुमार को ओडिशा का प्रभारी बनाया तो भारतीय जनता पार्टी ने डी.पुरन्देश्वरी को राज्य प्रभारी नियुक्त किया है।

 परी मामले को लेकर जमकर हुई राजनीति

 ओडिशा में वर्ष 2020 के अंत में परी मामले को लेकर जमकर राजनीति हुई। 5 साल की बच्ची परी की मृत्यु को लेकर कांग्रेस एवं भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोला। भाजपा नेता परी के माता-पिता को लेकर धरना पर बैठे। राज्य सरकार ने एसआईटी जांच के निर्देश दिए।

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