Odisha: रेलवे साइडिंग से श्रमिकों को हटाने का षड्यंत्र, भाजपा नेता ने दी आंदोलन की चेतावनी

Railway Siding वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर शर्मा ने कहा कि ओडिशा में केन्दुझर जिले के सभी रेलवे साइडिंग से श्रमिकों को हटाने का षड्यंत्र चल रहा है

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 21 Aug 2020 04:57 PM (IST) Updated:Fri, 21 Aug 2020 04:57 PM (IST)
Odisha: रेलवे साइडिंग से श्रमिकों को हटाने का षड्यंत्र, भाजपा नेता ने दी आंदोलन की चेतावनी
Odisha: रेलवे साइडिंग से श्रमिकों को हटाने का षड्यंत्र, भाजपा नेता ने दी आंदोलन की चेतावनी

भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। Railway Siding: ओडिशा में केन्दुझर के लोगों की जीविका मुख्य रूप से खदान पर निर्भर करती है। खदान में श्रमिक से लेकर परिवहन कार्य या अन्य कार्य कर यहां के आदिवासी अपना गुजारा करते हैं। यह एक आदिवासी बहुतायत आबादी वाला जिला है, ऐसे में खदान व्यवसाय में कुछ प्रतिशत लोग शामिल हैं। अधिकांश लोग श्रमिक के तौर पर काम कर अपनी जीवन जीविका चलाते हैं। हालांकि दिन-प्रतिदिन खदान की ही तरह रेलवे साइडिंग में भी अत्यधिक मशीन का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे श्रमिकों की जीविका खत्म होने के कगार पर पहुंच गई है। बावजूद इसके कंपनी का उत्पाद नहीं बढ़ता है, क्योंकि उत्पादन काम तो खदान में होता है और साइडिंग में सिर्फ लोडिंग का काम होता है, जहां पर पांच घंटे में रैक को लोड करना होता है, चाहे वह मशीन द्वारा हो या फिर लेबर के जरिए। पिछले कुछ दिनों से बड़बिल व बोलानी रेलवे साइडिंग से श्रमिकों को हटाने का षड्यंत्र चल रहा है। इस बीच, भाजपा ने श्रमिकों को हटाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

केन्दुझर जिले के खदानों से निकलने वाली खनिज संपदा के परिवहन के लिए आठ रेलवे साइडिंग बनाई गई हैं। ये सभी रेलवे साइडिंग में मुख्य रूप से स्थानीय श्रमिक दैनिक लोडिंग कार्य में काम कर अपनी जीविका चलाते हैं। पिछले कुछ साल से यहां पर काम तो बढ़ रहा है, मगर श्रमिकों को काम देने की जगह पर मशीन का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे में यहां के श्रमिकों को काम नहीं मिल रहा है। बोलानी रेलवे साइडिंग का उदाहरण इसके लिए काफी है। 

बोलानी रेलवे साइडिंग में 750 नियमित श्रमिक काम करते हैं, जबकि सभी आठ साइडिंग में यदि मजदूरों से काम कराया जाए तो करीबन पांच से छह हजार श्रमिक को रोजगार मिलेगा। पिछले कुछ साल के दौरान जिले के सभी साइडिंग से श्रमिकों की जगह पर मशीन से काम किया जा रहा है और केवल बड़बिल व बोलानी में ही श्रमिकों के द्वारा काम हो रहा है। बोलानी से बड़बिल रेलवे साइडिंग बड़ी है और यहां पर छह लाइन है। मगर यहां मात्र 450 श्रमिक काम करते हैं। इन सबके बीच जो दो रेलवे साइडिंग बोलानी व बड़बिल में श्रमिक काम कर रहे थे, इन जगहों से भी अब उन श्रमिकों को हटाया जा रहा है। श्रमिकों की जगह पर मशीन का प्रयोग करने का षड्यंत्र चल रहा है।

छह अगस्त को बड़बिल रेलवे साइडिंग में जेएसडब्ल्यू कंपनी के माल लदान के समय मशीन का प्रयोग किया गया, जिससे श्रमिकों में छंटनी का डर सताने लगा। इसे लेकर श्रमिकों में आक्रोश भी देखा गया, मगर पुलिस की भारी उपस्थिति के चलते श्रमिकों को मुंह बंद करना पड़ा। अब पुन: समान स्थिति बोलानी रेलवे साइडिंग में देखने को मिल रही है। बड़बलि की ही तरह बोलानी रेलवे साइडिंग से जेएसडब्ल्यू का माल परिवहन से पहले इस साइडिंग को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि श्रमिकों को हटाकर मशीन का प्रयोग कर काम करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। यहां श्रमिकों को हटाने का जो षड्यंत्र चल रहा है, उसको लेकर एक श्रमिक नेता ने जो बात कही है, वह भी इसी तरफ इशारा कर रही है।

अभी तक वहां पर जेएसडब्ल्यू की खदान से पिछले दो दिनों में सिर्फ छह से साच ट्रिप लौह अयस्क आया है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जेएसडब्ल्यू के लोडिंग ठेकेदार के सुपरवाइजर की भूमिका पुलिस निभा रही है। पुलिस वहां पर उपस्थित रहकर श्रमिकों में भय का माहौल बना रही है। इससे अन्य लोडिंग ठेकेदार के कर्मचारी व मजदूरों में दहशत का माहौल है।  बोलानी साइडिंग में करीबन 750 श्रमिक काम कर रहे हैं। एक टन पर उन्हें 25 रुपये की मजदूरी मिलती है और इसके अतिरिक्त 15 रुपये लीव, सिक व बोनस मिलता है। इस तरह से कुल मिलाकर श्रमिकों को एक टन पर 40 से 45 रुपये मिलता है और मशीन का खर्चा करीबन 12 रुपये आता है। ऐसे में कुल खर्चा 52 रुपया प्रति टन पड़ता है। इसी साइडिंग में नए ठेकेदार के द्वारा मात्र 36 रुपये में काम करना किसी भी प्रकार से श्रमिकों के लिए संभव नहीं है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि या तो यहां से श्रमिकों हटाया जाएगा या फिर उनकी मजदूरी कम की जाएगी। वर्तमान परिस्थिति में केन्दुझर के जिला के सभी रेलवे साइडिंग से श्रमिकों को हटाकर मशीन का प्रयोग करने के बाद अब बड़बिल व बोलानी में समान ढंग से काम करने से सैकड़ों श्रमिकों को जीविका से वंचित होना पड़ता है।

श्रमिकों को हटाने पर आंदोलन करेगी भाजपाः मुरली मनोहर शर्मा

इस संदर्भ में वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर शर्मा ने कहा कि केन्दुझर जिले के सभी रेलवे साइडिंग से श्रमिकों को हटाने का षड्यंत्र चल रहा है और पुलिस श्रमिकों की मदद करने के बदले खदान कंपनियों के लिए काम कर रही है। भारतीय जनता पार्टी इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। यदि इन दोनों साइडिंग से श्रमिकों को हटाया गया तो फिर भाजपा सड़क पर उतरेगी और जोरदार आंदोलन करेगी। भाजपा नेता डॉ. शर्मा ने दैनिक जागरण को बताया कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने देश के विभिन्न राज्यों से कोरोना काल के दौरान आए मजदूरों को प्रदेश में ही रोजगार देने की बड़ी बड़ी घोषणाएं कर रहे हैं, वहीं केन्दुझर में बाहर से आए मजदूरों को रोजगार देना तो दूर की बात है, यहां पहले से जो मजदूर काम कर रहे थे, उनका भी रोजगार छीना जा रहा है। ऐसे में सरकार ने इस पर जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया तो आने वाले दिनों में जो परिस्थिति बनेगी उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। 

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