वॉशिंगटन पोस्ट का खुलासा: ट्रंप ने की रूस से गोपनीय सूचनाएं साझा, बढ़ा विवाद

अखबार ने दावा किया है कि ट्रंप ने रूस के साथ इतनी जानकारियां साझा की, जितनी अमेरिका अपने किसी सहयोगी राष्ट्र से भी नहीं करता।

By Pratibha Kumari Edited By: Publish:Wed, 17 May 2017 08:49 AM (IST) Updated:Wed, 17 May 2017 08:53 AM (IST)
वॉशिंगटन पोस्ट का खुलासा: ट्रंप ने की रूस से गोपनीय सूचनाएं साझा, बढ़ा विवाद
वॉशिंगटन पोस्ट का खुलासा: ट्रंप ने की रूस से गोपनीय सूचनाएं साझा, बढ़ा विवाद

वॉशिंगटन, एजेंसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस से गोपनीय सूचनाएं साझा करने के मुद्दे पर घिर गए हैं। ह्वाइट हाउस के दो अधिकारियों का दावा है कि पिछले हफ्ते रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ हुई बैठक में ट्रंप ने खुफिया जानकारियां साझा की थीं। वहीं ट्रंप ने अपना बचाव करते हुए कहा है कि उन्होंने जो किया, उसका उन्हें अधिकार है। वॉशिंगटन पोस्ट की खबर में अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि ट्रंप ने लावरोव से कोड-वर्ड सूचना पर बात की। जासूसी एजेंसियां बेहद गोपनीय जानकारियों को कोड-वर्ड सूचना कहती हैं।

अखबार ने दावा किया है कि ट्रंप ने रूस के साथ इतनी जानकारियां साझा की, जितनी अमेरिका अपने किसी सहयोगी राष्ट्र से भी नहीं करता। यह गोपनीय सूचना अमेरिका को किसी सहयोगी राष्ट्र ने दी थी। संबद्ध राष्ट्र ने खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान समझौते के तहत दी गई जानकारी रूस को मुहैया कराने की अनुमति नहीं दी थी। इस मसले पर विवाद बढ़ता देख ट्रंप ने अपना बचाव किया है।

बचाव में आए सामने  

उन्होंने ट्वीट किया है, 'मैं राष्ट्रपति होने के नाते आतंकवाद और हवाई सुरक्षा से जुड़े तथ्य रूस से साझा करना चाहता था। इसका मुझे पूरा अधिकार है। मैं चाहता हूं कि आईएस के खिलाफ लड़ाई में रूस बड़े कदम उठाए।' वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा, 'बैठक के दौरान आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रयासों समेत कुछ विशेष खतरों की चर्चा हुई। लेकिन किसी स्रोत, प्रक्रिया या सैन्य अभियान की जानकारी नहीं दी गई।'

बैठक में उपस्थित रहे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एचआर मैकमास्टर ने कहा, 'ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई, जिसे लोग पहले से नहीं जानते हों।' रूस ने भी खबर को झूठ बताया है। दूसरी ओर, विपक्ष ने ट्रंप पर निशाना साधा है। डेमोक्रेटिक नेता नैंसी पेलोसी ने कहा कि अगर खबर सही है, तो ट्रंप ने खुफिया जानकारियों के सबसे बड़े स्रोत से समझौता कर लिया है। अगर उन्होंने बिना इच्छा के ऐसा किया है तो यह बेहद खतरनाक है। उन्होंने कहा, कांग्रेस को इस बारे में पूरी जानकारी दी जानी चाहिए।

बहक गए थे ट्रंप

अखबार के मुताबिक, बैठक में ट्रंप बहक गए और विमान में कंप्यूटर और लैपटॉप इस्तेमाल के खतरों के बारे में बताने लगे। उन्होंने कहा कि आइएस के कब्जे वाले क्षेत्र में उनके सहयोगी देश ने एक ऐसे ही हमले की सूचना दी है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी को डर अमेरिकी खुफिया एजेंसी को डर है कि ट्रंप के क्षेत्र का नाम बताने से रूस वहां खुफिया जानकारी जुटा रहे उनके सहयोगी के विषय में पता लगा सकता है। उसके खुफिया तंत्र को नष्ट कर सकता है।

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