सीरिया के रासायनिक हथियारों को नष्ट करने में लगेगा एक साल

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा है कि सीरिया के रासायनिक हथियारों को नष्ट करने के अभियान के तहत करीब सौ अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को वहां खतरे के बीच करीब एक साल तक रहना होगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान के लिए ऐसी कार्यप्रणाली बनानी होगी जिसका प्रयोग कभी नहीं हुआ।

By Edited By: Publish:Tue, 08 Oct 2013 04:12 PM (IST) Updated:Tue, 08 Oct 2013 04:20 PM (IST)
सीरिया के रासायनिक हथियारों को नष्ट करने में लगेगा एक साल

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा है कि सीरिया के रासायनिक हथियारों को नष्ट करने के अभियान के तहत करीब सौ अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को वहां खतरे के बीच करीब एक साल तक रहना होगा।

उन्होंने कहा कि इस अभियान के लिए ऐसी कार्यप्रणाली बनानी होगी जिसका प्रयोग कभी नहीं हुआ। बान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक रिपोर्ट में यह बात कही है। 27 सितंबर को सुरक्षा परिषद द्वारा पारित प्रस्ताव के मुताबिक वैश्विक संस्था और हेग स्थित ऑर्गेनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वीपंस (ओपीसीडब्ल्यू) सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद के रासायनिक हथियारों को नष्ट करने के लिए संयुक्त रूप से अभियान चलाएंगे। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में गत अगस्त में दश्मिक के उपनगरीय क्षेत्र में रासायनिक हमले की पुष्टि हुई थी। इस हमले में सैकड़ों लोग मारे गए थे। ओपीसीडब्ल्यू केएक छोटे से दल ने सीरिया के रासायनिक हथियारों को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रविवार को हथियारों को नष्ट करने का पहला दिन था। बान ने विशेषज्ञों की संख्या बढ़ाकर 100 करने की सिफारिश की है।

इन विशेषज्ञों को अधिकतम एक साल तक सीरिया में रहना होगा। अभियान का मुख्यालय दमिश्क में जबकि सहायक कार्यालय साइप्रस में होगा। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत विशेषज्ञों की टीम को 2014 के मध्य तक सीरिया के दर्जनों स्थानों पर करीब एक हजार टन सरीन गैस और अन्य प्रतिबंधित हथियारों को नष्ट करना है।

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