कर्मचारियों को दफ्तर में रोज पालतू कुत्ते लाने की दी अनुमति, आए ये परिणाम

हम चाहते हैं कि कर्मचारी दफ्तर को दूसरा घर समझें। जब वह ऑफिस आएं तो वह अपने दोस्तों से मिलें, पालतू जानवरों से खेलें और मनोरंजक गतिविधियों में हिस्सा लें न कि सिर्फ काम करने ऑफिस आएं।

By Tilak RajEdited By: Publish:Mon, 07 Aug 2017 09:17 AM (IST) Updated:Mon, 07 Aug 2017 10:42 AM (IST)
कर्मचारियों को दफ्तर में रोज पालतू कुत्ते लाने की दी अनुमति, आए ये परिणाम
कर्मचारियों को दफ्तर में रोज पालतू कुत्ते लाने की दी अनुमति, आए ये परिणाम

बैंकॉक, एजेंसी। किसी भी कार्यस्थल का वातावरण कितना भी अच्छा हो, कर्मचारियों को रोजाना काम के अत्यधिक बोझ का सामना करना ही पड़ता है। कुछ ऐसा ही माहौल है थाईलैंड के बैंकॉक की एक विज्ञापन एजेंसी का। हालांकि कंपनी ने कर्मचारियों को आरामदायक वातावरण देने के लिए एक पहल की है। उन्होंने कर्मचारियों को अपने पालतू जानवर खासतौर पर कुत्तों को साथ में दफ्तर लाने की अनुमति दे दी है। रोजाना करीब 20 कुत्ते कंपनी के दफ्तर में घूमते रहते हैं।

एडयिम यहां की एक नामी डिजिटल मार्केटिंग कंपनी है। इसके बैंकॉक में स्थित मुख्यालय का नजारा आम कार्यस्थलों से बेहद अलग होता है। कर्मचारियों के लैपटॉप के पास उनके पालतू कुत्ते सोते देखे जा सकते हैं। इतना ही नहीं, कुछ कर्मचारी मीटिंग के दौरान भी एकहाथ से माउस चलाकर कंप्यूटर पर काम करते दिखते हैं तो दूसरे हाथ से कुत्तों के साथ खेलते रहते हैं। कंपनी के प्रबंधक अननकनत कोंगपानिच ने स्टाफकर्मियों को नियमित तौर पर पालतू जानवरों को दफ्तर लाने के लिए प्रोत्साहित किया और जानवरों को बिना किसी रोक-टोक के दफ्तर में घूमने तक की अनुमति दे दी है। प्रबंधक ने कर्मचारियों से कहा है कि वह खाली समय में जानवरों के साथ समय बिता सकते हैं।

तनाव कम करने में सहायक हैं जानवर

एडयिम की प्रबंधक का दावा है कि जब से उन्होंने यह पहल की है, उनके कर्मचारियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इतना ही नहीं, इससे उनकी कार्यक्षमता में भी सुधार हुआ है। अमेरिका की मिनेसोटा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि पालतू जानवर तनाव कम करने में कारगर होते हैं और कार्य की गुणवत्ता को भी सुधार देते हैें।

कर्मचारियों ने कहा, जानवरों ने कम किया तनाव

एडयिम के एक कर्मचारी ने कहा, 'क्लाइंट के साथ मीटिंग के बाद जब हम वापस दफ्तर लौटते हैं तो हम सीधे अपने कुत्तों के साथ खेलने के लिए चले जाते हैं। उन्हें भागते और खेलते देखते हैं। इससे हमारा तनाव भी कम होता है।' जानवरों के प्रति प्रेम ब़़ढा एक महिला कर्मचारी ने बताया कि पहले वह जानवरों को पसंद नहीं करती थी और उनसे दूरी रखती थी। लेकिन जब से उनके दफ्तर में उनके सहकर्मी पालतू जानवरों को लेकर आने लगे हैं, तब से उनका जानवरों के प्रति व्यवहार और विचार बदल गए हैं। अब उनकी इच्छा खुद का एक पालतू जानवर लेने की है।

दफ्तर को समझें दूसरा घर

एडयिम के प्रबंधक अननकनत कोंगपानिच कहते हैं, हम चाहते हैं कि कर्मचारी दफ्तर को दूसरा घर समझें। जब वह ऑफिस आएं तो वह अपने दोस्तों से मिलें, पालतू जानवरों से खेलें और मनोरंजक गतिविधियों में हिस्सा लें न कि सिर्फ काम करने ऑफिस आएं।

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