विशेष अदालत में ही होगी मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह मामले की सुनवाई

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के संकटग्रस्त पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। यहां की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सैन्य कानून के तहत देशद्रोह मामले की सुनवाई करने की मांग की गई थी। अदालत ने उन्हें 11 मार्च को अदालत में पेश होने को कहा है। बच

By Edited By: Publish:Fri, 21 Feb 2014 05:13 PM (IST) Updated:Fri, 21 Feb 2014 05:14 PM (IST)
विशेष अदालत में ही होगी मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह मामले की सुनवाई

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के संकटग्रस्त पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। यहां की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सैन्य कानून के तहत देशद्रोह मामले की सुनवाई करने की मांग की गई थी। अदालत ने उन्हें 11 मार्च को अदालत में पेश होने को कहा है।

बचाव पक्ष ने विशेष कोर्ट गठित करने पर यह कहते हुए आपत्ति जताई कि पूर्व सैन्य प्रमुख होने के नाते 70 वर्षीय मुशर्रफ के खिलाफ सिर्फ सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया जा सकता है। जज फैसल अरब की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस मामले में 18 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने मुशर्रफ की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उन पर मुकदमा चलाने का उसके पास अधिकार है। साथ ही मुशर्रफ को 11 मार्च को अदालत में पेश होने का आदेश दिया। वह गत 18 फरवरी को विशेष अदालत में पहली बार सुनवाई के दौरान पेश हुए थे। उन्हें कड़ी सुरक्षा में अदालत लाया गया था। पूर्व राष्ट्रपति पर 2007 में आपातकाल लगाने और सर्वोच्च न्यायालय के जजों को हिरासत में रखने के आरोप में देशद्रोह का मुकदमा चलाया जा रहा है। दोषी साबित होने पर उन्हें उम्रकैद या फांसी की सजा हो सकती है।

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पाकिस्तान के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी पूर्व सेना प्रमुख के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाया जा रहा है। गत दो जनवरी को सुनवाई के दौरान अदालत जाने के दौरान सीने में दर्द की शिकायत के बाद मुशर्रफ को रावलपिंडी के आ‌र्म्ड फोर्सेस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में भर्ती कराया गया था तब से वह अस्पताल में ही भर्ती में हैं।

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