'नाटो को अमेरिका ने निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नेतृत्व मिलने की पूरी उम्मीद'

जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने ब्रुसेल्स में एक कान्फ्रेंस में कहा, 'मुझे पूरा भरोसा है कि राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका नाटो का प्रमुख सदस्य बना रहेगा।'

By Digpal SinghEdited By: Publish:Fri, 18 Nov 2016 03:59 PM (IST) Updated:Fri, 18 Nov 2016 04:40 PM (IST)
'नाटो को अमेरिका ने निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नेतृत्व मिलने की पूरी उम्मीद'

ब्रुसेल्स (रायटर्स)। नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने शुक्रवार को कहा, उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नाटो का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा, उन्हें जल्द ही ट्रंप से मुलाकात की उम्मीद है। ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान के दौरान अमेरिका के नाटो में बने रहने पर कई सवाल उठाए थे।

ट्रंप ने प्रश्न उठाया था कि क्या अमेरिका को ऐसी संधि में बने रहना चाहिए, जो यूएसएसआर के खतरे को देखते हुए बनी थी, जबकि यूएसएसआर कब का खत्म हो चुका है। उन्होंने यह कहकर भी नाटो से हटने की बात कही थी कि इसमें ऐसे देश शामिल हैं, जिनका सैन्य खर्च काफी कम है और अमेरिका को उनकी रक्षा के लिए जाना पड़ता है।

जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने ब्रुसेल्स में एक कान्फ्रेंस में कहा, 'मुझे पूरा भरोसा है कि राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका नाटो का प्रमुख सदस्य बना रहेगा।' उन्होंने बताया कि उनकी टीम नव-निर्वाचित राष्ट्रपति के साथ फोन पर बातचीत का प्रयास कर रही है।

स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, वे यूरोपीय देशों में रक्षा खर्चों में बढ़ोतरी पर काम कर रहे हैं और उन्होंने इस मुद्दे को प्रत्येक नाटो सदस्य के समक्ष उठाया है। यही नहीं उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्हें रक्षामंत्रियों का समर्थन भी मिला है।

उन्होंने यहा भी माना कि इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण है सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों को मनाना, क्योंकि खजाने की चाभी तो उनके ही पास होती है। स्टोल्टेनबर्ग ने कहा तनाव के वक्त आपको रक्षा खर्च बढ़ाने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, उत्तरी अफ्रीका में ऐसा नहीं हुआ. यही कारण था कि इस्लामिक आतंकवादियों का खतरा बढ़ गया और 2014 में रूस ने क्रिमिया पर कब्जा कर लिया।

उन्होंने कहा, रक्षा खर्च पर फंडिंग में कटौती पर रोक लगे और इसे आर्थिक उत्पादन के 2 फीसदी तक बढ़ाया जाए, यह मजबूत संदेश दिया गया है। हमने इस ओर कुछ काम करना शुरू कर दिया है और अभी काफी रास्ता तय करना है।

नाटो महासचिव ने कहा, उम्मीद है कि ट्रंप नाटो को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखेंगे। ट्रंप ने नाटो में पश्चिमी सहयोगी राष्ट्रों की रक्षा में अमेरिका की भूमिका को सशर्त रखने की बात की थी, जो नाटो की भावना का विपरीत है। फिलहाल नाटो सदस्य किसी भी राष्ट्र के खिलाफ कार्रवाई को नाटो के प्रत्येक सदस्य के खिलाफ माना जाता है और इसका प्रत्येक सदस्य इसके खिलाफ अपने सदस्य राष्ट्र के साथ खड़ा होता है।

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