म्यूनिख हमले की एक साल से रची जा रही थी साजिश
पुलिस की अपराध शाखा के प्रमुख रॉबर्ट हेमबर्गर ने बताया कि हमलावर हिसात्मक वीडियो गेम्स खेलने का भी शौकीन था।
म्यूनिख, रायटर्स। जर्मनी के शहर म्यूनिख के एक मॉल में शुक्रवार को किया गया हमला सनक नहीं बल्कि सोची-समझी साजिश का नतीजा था। ईरानी मूल का जर्मन नागरिक डेविड सोनबोली (खुद को अली कहता था) एक साल से इसकी साजिश रच रहा था। हमले से ठीक पहले डेविड ने एक 16 वर्षीय अफगान किशोर से मुलाकात की थी। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
जांच अधिकारियों ने रविवार को इसकी जानकारी दी। डेविड वर्ष 2009 में गोलीबारी का गवाह बने विनेनडेन शहर की यात्रा के बाद ऐसी घटना को अंजाम देने का षड्यंत्र रचना शुरू किया था। उसके घर से बरामद दस्तावेज से उसके मनोरोग अस्पताल में भर्ती होने की बात भी सामने आई है।
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वह जुलाई से सितंबर 2015 तक अस्पताल में रहा था। उसकी अफगान किशोर से यहीं पर मुलाकात हुई थी। हमलावर पिछले महीने भी अस्पताल गया था। अधिकारियों के मुताबिक दोनों के बीच वाट्सएप पर हुई बातचीत के मुताबिक अफगान किशोर को डेविड के पास ग्लॉक-17 पिस्टल होने की जानकारी थी।
पुलिस की अपराध शाखा के प्रमुख रॉबर्ट हेमबर्गर ने बताया कि हमलावर हिसात्मक वीडियो गेम्स खेलने का भी शौकीन था। नॉर्वे के इतिहास की सबसे भीषण गोलीबारी की घटना की बरसी पर डेविड ने शूटिंग का आयोजन किया था।
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