एससीओ शिखर सम्मेलन: कजाखस्तान में मोदी और जिनपिंग की हुई मुलाकात

पीएम नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग के बीच अस्ताना में मुलाकात हुई और एससीओ में सदस्यता के लिए उनका धन्यवाद किया।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 09 Jun 2017 02:29 AM (IST) Updated:Fri, 09 Jun 2017 10:16 AM (IST)
एससीओ शिखर सम्मेलन: कजाखस्तान में मोदी और जिनपिंग की हुई मुलाकात
एससीओ शिखर सम्मेलन: कजाखस्तान में मोदी और जिनपिंग की हुई मुलाकात

अस्ताना, आईएएनएस। कजाखस्तान के अस्ताना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि एससीओ समिट में जिनपिंग से एक बार फिर मिलने का मौका मिला। उन्होंने ये भी कहा कि भारत की SCO में सदस्यता के लिए भारत चीन के प्रयासों की सराहना करता है।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में दुआ-सलाम हुआ। शंघाई सहयोग संगठन एससीओ (शिखर सम्मेलन) से ठीक पहले सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान लीडर्स लाउंज में दोनों नेताओं ने एक दूसरे का अभिवादन किया।

सूत्रों के अनुसार चूंकि पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की ओपन हार्ट सर्जरी के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी, ऐसे में मोदी ने नवाज से उनकी सेहत के बारे में पूछा। साथ ही उनकी मां और परिवार का हालचाल भी जाना।
नवाज और मोदी के बीच मुलाकात को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। कहा जा रहा था कि दोनों के बीच अलग से कोई औपचारिक मुलाकात नहीं होगी। बुधवार को विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अभी तक दोनों प्रधानमंत्रियों की मुलाकात के लिए कोई शेड्यूल तय नहीं है। मोदी और शरीफ 2015 में जब ब्रिक्स और एससीओ की बैठक के वक्त रूस के उफा में मिले थे, उसके बाद ऐसा लगा था कि दोनों देशों के संबंध सुधरेंगे। आगे चलकर व्यापक द्विपक्षीय बातचीत पर भी सहमति बनी। लेकिन 2016 की शुरूआत में पठानकोट अटैक से माहौल ऐसा बना कि रिश्ते बिग़़डते चले गए। 2016 में जुलाई के दौरान एक बार फिर नवाज और मोदी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान आमने-सामने थे, लेकिन कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई थी। आज के हालात तब से भी ज्यादा खराब समझे जा रहे हैं।

भारत और पाकिस्तान को कजाकिस्तान की राजधानी में शिखर सम्मेलन में एससीओ की पूरी सदस्यता मिलने की उम्मीद है और दोनों देश यूरेशियन ब्लॉक के सातवें और आठवें सदस्य के रूप में होंगे, जिनमें चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।

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