पॉल ने ब्रिटेन की नई वीजा प्रणाली की आलोचना की

लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के भारत दौरे से पहले एनआरआइ उद्योगपति और दो प्रमुख ब्रिटिश यूनिवर्सिटी के चांसलर लॉर्ड स्वराज पॉल ने सरकार की नई वीजा प्रणाली की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के कारण ब्रिटेन आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में बहुत कमी आई है। यूके बोर्डर एजेंसी के मु

By Edited By: Publish:Sun, 17 Feb 2013 05:38 PM (IST) Updated:Sun, 17 Feb 2013 05:39 PM (IST)
पॉल ने ब्रिटेन की नई वीजा प्रणाली की आलोचना की

लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के भारत दौरे से पहले एनआरआइ उद्योगपति और दो प्रमुख ब्रिटिश यूनिवर्सिटी के चांसलर लॉर्ड स्वराज पॉल ने सरकार की नई वीजा प्रणाली की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के कारण ब्रिटेन आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में बहुत कमी आई है।

यूके बोर्डर एजेंसी के मुताबिक 2010 में भारतीय छात्रों के लिए 41 हजार वीजा जारी किए गए। जबकि 2011 में यह संख्या घटकर 32 हजार रह गई। अप्रैल, 2012 में नियम और सख्त किए जाने के बाद इस संख्या में और कमी आने की आशंका है। इस पर चिंता जताते हुए हैंपटन और वेस्टमिंस्टर यूनिवर्सिटी के चांसलर पॉल ने कहा, 'सरकार को प्रवास के आंकड़ों से दूसरे देशों के छात्रों को हटा देना चाहिए। इन छात्रों को पढ़ाई के बाद ब्रिटेन में दो वर्ष काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इससे दुनिया को यह बताया जा सकेगा कि वास्तविक और कड़ी मेहनत करने वाले सभी छात्रों के लिए ब्रिटेन में दरवाजे खुले हुए हैं।'

पॉल ने कहा कि उन्होंने ब्रिटेन में उच्च शिक्षा से जुड़े 67 अन्य लोगों के साथ प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को पत्र लिखा है। पत्र में इन बदलावों के प्रति चिंता व्यक्त की गई है और सरकार से अपील की गई है कि प्रवास आंकड़ों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को शामिल नहीं किया जाए। कैमरन सोमवार को भारत पहुंच रहे हैं। पॉल ने कहा कि सरकार ने हमारे अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया और इसके परिणाम सामने आ रहे हैं।

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