जानिए, क्यों नवाज शरीफ के इस्तीफे से बढ़ सकती हैं चीन की मुश्किलें

ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक नवाज शरीफ के इस्तीफे से चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजक्ट सीपीईसी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

By Kishor JoshiEdited By: Publish:Fri, 04 Aug 2017 09:30 AM (IST) Updated:Fri, 04 Aug 2017 12:45 PM (IST)
जानिए, क्यों नवाज शरीफ के इस्तीफे से बढ़ सकती हैं चीन की मुश्किलें
जानिए, क्यों नवाज शरीफ के इस्तीफे से बढ़ सकती हैं चीन की मुश्किलें

बीजिंग (पीटीआई)। नवाज शरीफ के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे की वजह से 50 अरब अमेरिकी डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को कुछ अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, इससे दोनों देशों के सदाबहार द्विपक्षीय रिश्ते प्रभावित नहीं होंगे।

चीन के सरकारी समाचार पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' में गुरुवार को छपे एक लेख में यह निष्कर्ष निकाला गया है। इसके मुताबिक, पाकिस्तान के राजनीतिक दलों में इस परियोजना को लेकर कुछ असहमतियां हैं। खासकर इस बात पर कि परियोजना के पूर्वी मार्ग को प्राथमिकता दी जाए या पश्चिमी मार्ग को। पंजाब और सिंध जैसे आर्थिक रूप से विकसित प्रांत इसके पूर्वी मार्ग से जुड़े हैं जबकि इसका पश्चिमी मार्ग खैबर पख्तूनवा और बलूचिस्तान जैसे अल्पविकसित प्रांतों से गुजरता है।

लेख के मुताबिक, 'नवाज शरीफ पूर्वी मार्ग का समर्थन करते थे, लेकिन विपक्षी दल पश्चिमी मार्ग का। इसके मद्देनजर अगर 2018 के आगामी चुनावों में सत्तारूढ़ दल में बदलाव होता है तो सीपीईसी परियोजना को कुछ अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ सकता है।' अगर पीएमएल-एन या पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने चुनाव में जीत हासिल की तो नवाज शरीफ के हटने की वजह से होने वाला असर कम हो जाएगा क्योंकि पंजाब और सिंध दोनों ही पार्टियों के राजनीतिक केंद्र हैं। लेकिन, अगर तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी चुनाव जीती तो उसकी प्राथमिकता पश्चिमी मार्ग होगा।

इसके अलावा, विपक्षी पार्टियों को इस परियोजना को लेकर पीएमएल-एन पर पर्दे के पीछे से डील करने का संदेह है, लिहाजा अगर कोई विपक्षी पार्टी सत्ता में आईं तो इस परियोजना की कुछ प्रक्रियाओं की समीक्षा से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।

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