अमेरिका में फर्जी वीजा दिलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, दस भारतीयों समेत 21 गिरफ्तार

एक हजार विदेशियों को गलत तरीके से स्टूडेंट और वर्क वीजा मुहैया कराने के घोटाले का अमेरिका में रहस्योद्घाटन हुआ है। गिरफ्तार किए गए 21 लोगों में दस भारतीय मूल के अमेरिकी हैं। इन लोगों की गिरफ्तारी न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, वाशिंगटन और वर्जीनिया से की गई है।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Publish:Wed, 06 Apr 2016 03:42 PM (IST) Updated:Wed, 06 Apr 2016 04:13 PM (IST)
अमेरिका में फर्जी वीजा दिलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़,  दस भारतीयों समेत 21 गिरफ्तार

वाशिंगटन। एक हजार विदेशियों को गलत तरीके से स्टूडेंट और वर्क वीजा मुहैया कराने के घोटाले का अमेरिका में रहस्योद्घाटन हुआ है। गिरफ्तार किए गए 21 लोगों में दस भारतीय मूल के अमेरिकी हैं। इन लोगों की गिरफ्तारी न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, वाशिंगटन और वर्जीनिया से की गई है।


अधिवक्ता पॉल जे फिशमैन ने न्यूजर्सी में बताया कि आरोपी फर्जी विश्वविद्यालयों के नाम से छात्रों के लिए वीजा तैयार कराते थे। जांच में ये फर्जी विश्वविद्यालय अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग के मुखबिरों के नाम से चलते पाए गए हैं। गिरफ्तार किए गए लोग दलाल, भर्तीकर्ता और नियोजक के रूप में कार्यरत थे। इन सभी ने मिलकर 26 देशों के करीब एक हजार विदेशी लोगों के साथ धोखाधड़ी की थी।

इन लोगों ने बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों को धोखा देकर उनके लिए वीजा और वर्क परमिट का इंतजाम किया था। बदले में उनमें बड़ी धनराशि वसूली थी। फिलहाल भारतीयों की संख्या का खुलासा नहीं किया गया है जिन्हें विभिन्न हवाई अड्डों पर भारत से आते समय पकड़ा गया।

हाल के महीनों में इस तरह के कई मामले भारत में सामने आए थे। जब स्टूडेंट वीजा पर अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढऩे गए छात्रों को हवाई अड्डे से ही वापस भेज दिया गया। उसी के बाद मामले की जांच शुरू हुई थी।


भारतीय मूल के जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं उनके नाम- तजेश कुमार, ज्योति पटेल, शहजादी एम परवीन, नरेंद्र सिंह पलाहा, संजीव सुखीजा, हरप्रीत सचदेवा, अविनाश शंकर, कार्तिक निम्मला, गोवर्धन द्यावरशेïट्टी और सईद कासिम अब्बास हैं।

इन लोगों को यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्दन न्यूजर्सी के क्रेनफोर्ड स्थित फर्जी कॉलेज के लिए छात्रों के पंजीकरण कराने के वास्ते पकड़ा गया है। इस तरह के शिक्षण संस्थानों में न तो शिक्षक पाए गए, न वहां अन्य स्टाफ मिला, न वहां छात्र मिले और न ही वहां पढ़ाई जैसी कोई गतिविधि होती पाई गई।

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