पेरिस हमलों के बाद निशाने पर मुस्लिम और सिख

फ्रांस की राजधानी पेरिस में शुक्रवार की रात आतंकी हमलों के बाद से पूरी दुनिया से मुसलमानों के प्रति अविश्वास बढ़ने की खबरें आ रही है। आम मुसलमानों के प्रति लोगों का बर्ताव बदल गया है। उन्हें निशाना बनाने और घृणा करने जैसे मामले सामने आ रहे हैं।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Publish:Mon, 16 Nov 2015 07:37 PM (IST) Updated:Mon, 16 Nov 2015 07:40 PM (IST)
पेरिस हमलों के बाद निशाने पर मुस्लिम और सिख

नई दिल्ली: फ्रांस की राजधानी पेरिस में शुक्रवार की रात आतंकी हमलों के बाद से पूरी दुनिया से मुसलमानों के प्रति अविश्वास बढ़ने की खबरें आ रही है। आम मुसलमानों के प्रति लोगों का बर्ताव बदल गया है। उन्हें निशाना बनाने और घृणा करने जैसे मामले सामने आ रहे हैं।

इतना ही नहीं दाढ़ी रखने के कारण सिखों को लेकर भी लोग गलतफहमी का शिकार हो रहे हैं। कुछ लोग इस स्थिति का जानबूझकर फायदा उठा रहे हैं। इसी तरह के हालात अमेरिका में 9/11 के हमलों के बाद भी देखने को मिली थी। उस समय भी कई आम मुस्लिम और सिख अमेरिकियों के गुस्से का शिकार बने थे।

स्पेन : कुरान थमा सिख को बना दिया आतंकी

कनाडा में रहने वाले भारतीय मूल के सिख वीरेंद्र जुबाल पेशे से लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। लेकिन, अचानक ही पूरी दुनिया में वे पेरिस हमलों में शामिल आतंकी के तौर पर चर्चित हो गए। स्पेन के सबसे प्रतिष्ठित अखबार लरेजॉ ने पहले पन्ने पर कुरान के साथ उनकी तस्वीर प्रकाशित करते हुए उन्हें आतंकी बताया।

असल में जुबाल हाथ में आइपैड लिए थे। फोटोशॉप में उनकी तस्वीर के साथ छेड़छाड़ कर किसी ने आइपैड को कुरान में बदल दिया और उन्हें आत्मघाती जैकेट पहनाकर तस्वीर ट्वीट कर दी। जल्द ही यह तस्वीर वायरल हो गई। स्पेनिश अखबार के बाद इटली के दो अखबारों ने भी इस तस्वीर को प्रकाशित किया।

एक इतालवी चैनल ने इस तस्वीर को अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट कर दी, जिसके करीब 20 लाख फॉलोअर्स हैं। सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहने वाले जुबाल को जब इसका पता चला, तो उन्होंने ट्वीट किया- फोटोशॉप इमेज के कारण मैं वायरल हो गया हूं, इसमें मुझे आतंकवादी बताया जा रहा है। ट्विटर पर उनके करीब 10,000 फॉलोअर्स हैं। भूल सामने आने के बाद स्पेनिश अखबार ने माफी मांग ली।

अमेरिका : मुस्लिम टैक्सी ड्राइवरों को नहीं मिल रही सवारी

अमेरिका में मुस्लिम टैक्सी ड्राइवरों की रोजी-रोटी पर संकट पैदा हो गया है। न्यूयॉर्क के एक व्यक्ति ने ट्विटर पर ऐसे ही एक ड्राइवर का दर्द बयां किया है। 23 साल के एलेक्स मलॉय ने बताया कि शुक्रवार की रात पेरिस में आतंकी हमलों के बाद उन्होंने घर जाने के लिए एक टैक्सी ली। इसका ड्राइवर मुसलमान था। उसने बताया कि बीते दो घंटों में उसकी टैक्सी में बैठने वाले एलेक्स पहले व्यक्ति थे।

मुस्लिम होने के कारण कोई उसकी टैक्सी में बैठने को तैयार नहीं था। उसने बताया कि लोगों को लगता है कि उसके साथ सफर करना सुरक्षित नहीं है। एलेक्स ने इस स्थिति को शर्मनाक बताते हुए कहा है कि 25 मिनट के सफर के दौरान ड्राइवर रोता रहा और उसकी बातें सुनकर उनकी आंखों में भी आंसू आ गए। ड्राइवर को ढांढस बंधाते हुए एलेक्स ने कहा कि जो कुछ हुआ उसके लिए वह जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि ये लोग हमारे दुश्मन नहीं हैं। ये हमारे दोस्त, पड़ोसी और सहयोगी हैं जो हमसे सम्मान की अपेक्षा रखते हैं।

ब्रिटेन : मुस्लिम महिलाओं के ब्यूटी सैलून में प्रवेश पर रोक

ब्रिटेन में एक ब्यूटी सैलून की मालकिन ने पेरिस हमलों के बाद मुस्लिम महिला ग्राहकों के आने पर रोक लगा दी। महिला ने फेसबुक पर लिखा कि अब वह मुस्लिम धर्म के लोगों की बुकिंग नहीं लेगी। इस पोस्ट के सामने आने के बाद पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया। मिरर के मुताबिक 43 वर्षीय महिला ब्लिंक्स ऑफ बिसेस्टर नामक सैलून चलाती है।

हमलों के बाद उसने फेसबुक पर लिखा,'यह समय मेरे देश को सबसे आगे रखने का है। अब मेरा सैलून इस्लाम में विश्वास रखने वाले लोगों की बुकिंग नहीं लेगा।' थेम्स वैली पुलिस ने बताया कि महिला को पब्लिक ऑर्डर एक्ट की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया है। इस धारा के तहत किसी को धमकी देना, निंदा करना, अपमान करना या नस्ली घृणा को अपराध माना गया है।

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