सिर्फ दिल की सुनी मनप्रीत ने

जिद हॉकी खेलने की। जुनून देश के लिए कुछ कर गुजरने का। न चोट की परवाह और न ही घरवालों की डांट का डर। परेशान बड़े भाई ने नौ साल के उस लड़के को कमरे में बंद कर बाहर से कुंडी लगा दी। पर कहां मनाने वाला था वह। कुंडी तोड़ी और मैदान में पहुंच गया। दिन भर खेलने के बाद रात को घ्

By Edited By: Publish:Wed, 04 Dec 2013 06:03 AM (IST) Updated:Wed, 04 Dec 2013 08:55 AM (IST)
सिर्फ दिल की सुनी मनप्रीत ने

नई दिल्ली, [राजीव शर्मा]। जिद हॉकी खेलने की। जुनून देश के लिए कुछ कर गुजरने का। न चोट की परवाह और न ही घरवालों की डांट का डर। परेशान बड़े भाई ने नौ साल के उस लड़के को कमरे में बंद कर बाहर से कुंडी लगा दी। पर कहां मनाने वाला था वह। कुंडी तोड़ी और मैदान में पहुंच गया। दिन भर खेलने के बाद रात को घर पहुंचा तो खूब डांट पड़ी। पर उस पर कहां असर होने वाला था। वह अपनी धुन का पक्का था। इसी जिद और लगन का नतीजा है कि आज वह जूनियर हॉकी टीम का कप्तान है। यह कहानी है जूनियर हॉकी विश्व कप में भारतीय टीम की कमान संभाल रहे मनप्रीत सिंह की।

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जालंधर (पंजाब) के मिट्ठापुर गांव के किसान बलजिंदर सिंह के बेटे मनप्रीत कहते हैं घर की आर्थिक हालात ठीक नहीं थी। खेती के अलावा कमाई का कोई जरिया नहीं था। दोनों बड़े भाई अमनदीप और सुखराज भी हॉकी खेलते थे। राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग भी लिया। पर तंगी के चलते आगे नहीं खेल सके। उन्हें हॉकी खेलते देखकर मेरा मन भी हिलोरे मारने लगा। मैं भी छुप-छुप कर मैदान में जाकर खेलने लगा। भाई नहीं चाहते थे कि मैं हॉकी खेलूं, क्योंकि एक बार खेल के दौरान मुझसे बड़े भाई सुखराज की नाक पर चोट लग गई। घर का लाडला होने के कारण वह नहीं चाहते थे की मुझे चोट लगे। उन्होंने एक दिन मुझे कमरे में बंद कर बाहर से कुंडी लगा दी थी। मैंने भी हार नहीं मानी किसी तरह से कुंडी तोड़कर मैदान में पहुंच गया। शाम को सबने खूब डांटा पर कोच सुरजीत सिंह के समझाने के बाद मुझे खेलने की इजाजत दे दी। बस फिर क्या था। उसके बाद से मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज मैं अपने भाइयों के सपनों को पूरा कर बहुत खुश हूं।

मैच दर मैच बनाएंगे रणनीति : मनप्रीत ने कहा कि विश्व कप में हमारी राह आसान नहीं है। मैं किसी तरह का कोई वादा नहीं करना चाहता। हम मैच दर मैच आगे बढ़ेंगे और रणनीति बनाएंगे। फिलहाल हमारा पूरा ध्यान छह दिसंबर को नीदरलैंड्स से होने वाले पहले मैच पर है। यह मुकाबला काफी कड़ा होगा। इस मैच में मिली जीत हमारे लिए टॉनिक का काम करेगी। घरेलू मैदान और दर्शकों के बीच खेलने का हमें फायदा तो मिलेगा पर साथ ही हम पर दबाव भी होगा। हमें इससे पार पाना होगा।

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