फ्रेंच ओपन: हालेप का हराकर ओस्तापेंको बनीं रोलां गैरां की नई क्वीन

लेना ओस्टापेंको ने लाल बजरी पर खेले जा रहे साल के दूसरे ग्रैंड स्लैम टर्नामेंट फ्रेंच ओपन के महिला एकल वर्ग का खिताब अपने नाम कर लिया है।

By Pradeep SehgalEdited By: Publish:Sat, 10 Jun 2017 10:14 PM (IST) Updated:Sat, 10 Jun 2017 10:14 PM (IST)
फ्रेंच ओपन: हालेप का हराकर ओस्तापेंको बनीं रोलां गैरां की नई क्वीन
फ्रेंच ओपन: हालेप का हराकर ओस्तापेंको बनीं रोलां गैरां की नई क्वीन

पेरिस। लातविया की युवा टेनिस खिलाड़ी जेलेना ओस्टापेंको ने लाल बजरी पर खेले जा रहे साल के दूसरे ग्रैंड स्लैम टर्नामेंट फ्रेंच ओपन के महिला एकल वर्ग का खिताब अपने नाम कर लिया है। फाइनल में ओस्टापेंको ने उलटफेर करते हुए रोमानिया की सिमोना हालेप को मात देते हुए खिताब जीता।

ओस्टापेंकों ने तीन सेटों तक चले इस मैच में हालपे को 4-6, 6-4, 6-3 से मात दी। यह मुकाबला एक घंटे 59 मिनट तक चला। 20 वर्षीय ओस्टापेंको का पहला ग्रैंड स्लैम खिताब है। इसी के साथ वह फ्रेंच ओपन जीतने वाली सबसे युवा खिलाड़ी बन गई हैं।

पहला सेट हारने के बाद ओस्टापेंको ने दूसरे सेट में शानदार वापसी की और हालेप पर 3-0 की बढ़त ले ली। उन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन का जारी रखते हुए सेट जीता और मुकाबला तीसरे सेट में ले गईं। तीसरे सेट में भी ओस्टापेंको ने हालेप पर 3-1 की बढ़त ले ली थी। जिसे कायम रखते हुए उन्होंने हालेप के ग्रैंड स्लैम जीतने के सपने को पूरा नहीं होने दिया।

जेलेना ने फाइनल में सिमोन को दी शिकस्त देकर अपना और अपने देश के लिए भी पहला ग्रैंडस्लैम खिताब जीता। इससे पहले कोई भी लातवियाई खिलाड़ी ग्रैंडस्लैम खिताब अपने नाम नहीं कर पाया था।

सिमोना का सपना टूटा : अपना पहला और 40 साल बाद अपने देश के लिए ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाली पहली खिलाड़ी बनने का सिमोना का सपना टूट गया। सिमोना को 2014 में भी यहां हार मिली थी। सिमोना से पहले सिर्फ दो रोमानियाई खिलाड़ी इली नस्तासे (फ्रेंच ओपन 1973 और यूएस ओपन 1972) और वर्जीनिया रूजीसी (फ्रेंच ओपन 1978) ही ग्रैंडस्लैम खिताब जीत पाए हैं।

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