हाईवे ऐसा, जिसके रखवाले हैं हनुमान

विपदा के समय याद आने वाले भगवान हनुमान सड़क से गुजरने वाले वाहनों की भी हिफाजत कर रहे हैं। यानी एक हाईवे पूरी तरह से हनुमान जी के हवाले हो गया है। यहां के हर ब्लैक स्पॉट पर भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित कर दी गई है।

By Neeraj Kumar Azad Edited By: Publish:Tue, 15 Dec 2015 04:41 PM (IST) Updated:Tue, 15 Dec 2015 04:44 PM (IST)
हाईवे ऐसा, जिसके रखवाले हैं हनुमान

विपदा के समय याद आने वाले भगवान हनुमान सड़क से गुजरने वाले वाहनों की भी हिफाजत कर रहे हैं। यानी एक हाईवे पूरी तरह से हनुमान जी के हवाले हो गया है। यहां के हर ब्लैक स्पॉट पर भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित कर दी गई है। जहां कई हादसे होते थे, अब वहां हादसों की जगह केवल हनुमान जी के ही दर्शन होते हैं। यह हाईवे है हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा व मंडी से गुजरने वाला पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग। करीब 197 किलोमीटर लंबे इस मार्ग में जगह-जगह पर भगवान हनुमान के मंदिर हैं। इस मार्ग में जहां भी हादसे हुए, वहीं हादसे शिकार लोगों के परिजनों व स्थानीय लोगों ने भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित कर दी। यानी दुर्घटनाओं की दृष्टि से संवेदनशील स्थलों की पहचान कर वहां चेतावनी बोर्ड लगाना तो सरकारी कार्यपद्धति का हिस्सा है लेकिन बीते वर्षों में ऐसा पूरी तरह न हो पाने के कारण लोगों ने उससे पहले ही यह जिम्मा पवनपुत्र को सौंप दिया। यह जन आस्था का ही उदाहरण है कि ऐसे स्थलों पर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करने या मंदिर बना दिए गए हैं। आस्थावान दावा करते हैं कि हादसों में कमी आई है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग के संवेदनशील स्थलों पर अधिकतर मंदिर व मूर्तियों का निर्माण कुछ साल पहले ही हुआ है। यहां हुई दुर्घटनाओं में कई लोग जान गंवा चुके हैं।
लोगों का मानना है कि मंदिर बनने या मूर्ति स्थापना के बाद मानो इन स्थानों पर हादसे जैसे बंद ही हो गए। इस मार्ग पर 50 से अधिक ब्लैक स्पॉट हैं जहां आए दिन हादसे होते रहे हैं। यह आस्था का ही असर है कि लोगों ने इस मार्ग व खासकर ब्लैक स्पॉट पर हनुमान जी के 30 के करीब मंदिर बना दिए हैं। हालांकि एनएच के किनारे और देवी-देवताओं के भी मंदिर हैं, लेकिन इनमें हनुमान जी के मंदिरों की संख्या सबसे ज्यादा है। पठानकोट से यह मार्ग मंडी तक पहुंचता है। यहां कई मोड़ों, सीधी सड़क के किनारे पर आपको भगवान हनुमान की कई मूर्तियां मिल जाएंगी।

यहां से हुई थी शुरुआत
इस मार्ग में त्रिलोकपुर व कोटला के मध्य कई हादसे होते थे। कई लोगों की जान जा चुकी थी। इसके बाद यहां हनुमान जी का भव्य मंदिर बनाया गया। आज यहां हादसों का आंकड़ा शून्य है। उसके बाद एनएच के किनारे भगवान महावीर की मूर्तियां स्थापित होने लगी। आज पूरे मार्ग में आपको हनुमान जी के कई स्थानों में दर्शन होंगे।

सच में असर तो पड़ा है।
लोक निर्माण विभाग के एक सेवानिवृत्त अधिकारी व इस मार्ग में बस चलाने वाले चालक सुरेश कपूर का मानना है कि इससे दुर्घटनाओं में काफी फर्क पड़ा है। इसके दो कारण हैं, एक आस्था ओर दूसरा सचेत होना। जब भी वाहन चालक सड़क के किनारे हनुमान जी का मंदिर देखते हैं, तो माथा टेकने के लिए गति धीमी कर देते हैं। इसके साथ-साथ चालकों को यह भी याद आ जाता है कि यहां दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसे में संभलकर चलो। जो चीज एक बोर्ड नहीं कर सकता। वो भगवान हनुमान जी कर रहे हैं।
प्रस्तुति : मुनीष दीक्षित

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