इंडियन आइडल में पंजाब के युवा गायकों ने बिखेरा जलवा, जीता जजों का दिल

इंडियन आइडल में टॉप टेन में पहुंचे बठिंडा के सन्नी तथा अमृतसर के ऋषभ व रिद्धम। पंजाब के तीनों प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा से देश व जजों का दिल जीत लिया है। जागरण

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 26 Nov 2019 11:04 AM (IST) Updated:Tue, 26 Nov 2019 11:09 AM (IST)
इंडियन आइडल में पंजाब के युवा गायकों ने बिखेरा जलवा, जीता जजों का दिल
इंडियन आइडल में पंजाब के युवा गायकों ने बिखेरा जलवा, जीता जजों का दिल

सुभाष चंद्र, मुंबई। सिंगिंग रियलिटी शो इंडियन आइडल में पंजाब के युवा गायक जलवा बिखेर रहे हैं। शो में पंजाब एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसके तीन गायक टॉप टेन में पहुंचे हैं। परिणाम जो भी रहे, लेकिन पंजाब के इन गायकों ने देशभर में धूम मचा रखी है। शो के सर्वाधिक चर्चित प्रतिभागी सन्नी बठिंडा के निवासी हैं तो अमृतसर के दो नौजवान ऋषभ चतुर्वेदी और रिद्धम कल्याण भी खूब दम दिखा रहे हैं।

हालांकि, कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच उन्हें सुबह से लेकर शाम तक रियाज कर खूब पसीना भी बहाना पड़ रहा है। रेलवे स्टेशन पर बूट पॉलिश करने वाले सन्नी का बठिंडा के गली-गली में पोस्टर लगाया गया है। वह प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंच गए हैं।

छठी कक्षा में छूट गई थी पढ़ाई

सन्नी इंडियन आइडल के सेट पर बात करते हुए 21 वर्षीय बठिंडा निवासी सन्नी बेहद रोमांचित नजर आए। वह कहते हैं कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह यहां तक पहुंच जाएंगे। बचपन से बूट पॉलिश करने के साथ-साथ वह गाना भी गाते रहे। चूंकि वह दिल से गा रहे थे, शायद इसीलिए इस मुकाम पर पहुंच पाए। सन्नी जब 14 वर्ष के थे तो उनके पिता का निधन हो गया था। परिवार में अकेला लड़का होने के नाते छठी कक्षा में पढ़ाई छोड़कर अपने पिता के बूट पॉलिश वाले काम को करने के लिए मजबूर होना पड़ा। गायन के लिए किसी से सीखने का मौका तक नहीं मिल पाया।

पिता का प्लेबैक सिंगर बनने का सपना पूरा करना चाहता हूं

ऋषभ अमृतसर निवासी 22 वर्षीय ऋषभ चतुर्वेदी पिछले तीन वर्षों से गायकी के क्षेत्र में सक्रिय हैं। स्टेज शो करके अच्छी कमाई कर रहे हैं। वह महीने भर में आधा दर्जन से अधिक शो कर लेते हैं। उनके माता-पिता भी गायक हैं। वह अपने पिता का प्लेबैक सिंगर बनने का अधूरा रह गया सपना पूरा करना चाहते हैं। ऋषभ बताते हैं कि आज उन्हें लोग उनके माता-पिता के नाम से जानते हैं, लेकिन वह चाहते हैं कि लोग उनके माता-पिता को उनके नाम से जानें।

लोगों के दिलों में छाप छोड़ना सपना

रिद्धम अमृतसर का ही 19 वर्षीय रिद्धम कल्याण बचपन से ही गा रहे हैं। सन्नी की तरह पहली बार उन्होंने भी नुसरत फतेह अली खान का ही गाना सुनकर गाया था। उसके बाद उनके मामा व नाना ने उन्हें गायकी के लिए प्रोत्साहित किया। बचपन से ही गायकी की बदौलत उन्हें छठी क्लास में अमृतसर के कैंब्रिज स्कूल में मुफ्त में दाखिला मिला, जहां प्लस-टू तक प्रतियोगिताओं में वह पहला स्थान ही प्राप्त करते रहे। मध्यम वर्गीय परिवार का रिद्धम इस समय अमृतसर के एसएन कॉलेज में बीए फाइनल के विद्यार्थी हैं। उनका सपना भी लोगों के दिलों में अपनी छाप छोड़ना है। वह कहते हैं कि मुकाबला बहुत सख्त है, लेकिन वह दिलों जान से लगे हुए हैं।

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