डेथ वारंट की प्रक्रिया पर विशेषज्ञों के सवाल

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा याकूब मेमन की फांसी की याचिका खारिज किए जाने पर कानून विशेषज्ञों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कुछ विशेषज्ञों ने डेथ वारंट जारी किए जाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। वहीं, 1993 के मुंबई बम धमाकों के पीड़ितों सहित कुछ अन्य ने फैसले पर खुशी जाहिर

By Test1 Test1Edited By: Publish:Wed, 29 Jul 2015 08:38 PM (IST) Updated:Wed, 29 Jul 2015 09:23 PM (IST)
डेथ वारंट की प्रक्रिया पर विशेषज्ञों के सवाल

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा याकूब मेमन की फांसी की याचिका खारिज किए जाने पर कानून विशेषज्ञों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कुछ विशेषज्ञों ने डेथ वारंट जारी किए जाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। वहीं, 1993 के मुंबई बम धमाकों के पीड़ितों सहित कुछ अन्य ने फैसले पर खुशी जाहिर की है।

इस मामले में अदालत का फैसला आने पर वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा, 'न्याय नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सही प्रक्रिया नहीं अपनाए जाने की आलोचना करती हूं।' इंदिरा जयसिंह के विचारों से सहमति जताते हुए जाने-माने वकील सतीश मानेशिंदे ने कहा, 'यह देश की आपराधिक न्याय व्यवस्था के इतिहास का सबसे काला दिन है। ऐसे व्यक्ति को फांसी दी जा रही है जिसने सबूत मुहैया कराए, जांच में सहयोग किया और अपने परिवार को देश वापस लेकर आया था।' पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी के अनुसार याकूब ने अपने सभी कानूनी विकल्पों को आजमा कर देख लिया है। अंतिम निर्णय सुप्रीम कोर्ट का होता है। वहीं वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी के अनुसार, 'अब देखना शेष है कि राष्ट्रपति क्या कहते हैं। अब फांसी नहीं रुक सकती, लेकिन राष्ट्रपति के निर्णय का इंतजार करना होगा।' विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा दूसरी दया याचिका पर फैसले के बाद कानून अपना काम करेगा।


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