World Tribal Day: अपने समुदाय से पहली क्लर्क बनने जा रही छत्तीसगढ़ में पहाड़ की यह बेटी

गढ़उपरोड़ा पंचायत के कदझेरिया गांव की राजकुमारी ने 12वीं पास होने के साथ कंप्यूटर एप्लीकेशन में डिप्लोमा प्राप्त कर यह पात्रता हासिल की है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sat, 08 Aug 2020 07:10 PM (IST) Updated:Sat, 08 Aug 2020 07:10 PM (IST)
World Tribal Day: अपने समुदाय से पहली क्लर्क बनने जा रही छत्तीसगढ़ में पहाड़ की यह बेटी
World Tribal Day: अपने समुदाय से पहली क्लर्क बनने जा रही छत्तीसगढ़ में पहाड़ की यह बेटी

विकास पांडेय, कोरबा। संरक्षित आदिवासी समाज और पहाड़ की बेटी राजकुमारी प्रदेश की पहली ऐसी लिपिक बनने जा रही है। पहाड़ी कोरवा समुदाय की इस बेटी ने 12वीं के बाद कंप्यूटर एप्लीकेशन में डिप्लोमा की योग्यता के बूते विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए कलेक्टोरेट से जारी पद के लिए पात्रता हासिल की है। राजकुमारी ने पढ़ने की ललक व कुछ कर दिखाने की चाहत में न केवल अपनी योग्यता साबित की, बल्कि शासकीय सेवा में चयनित होने पर वह कोरवा समुदाय को विकास की मुख्यधारा में लाने 'मील का पत्थर" बनने जा रही है। उसकी कामयाबी को देखते हुए प्रदेश की अन्य संरक्षित जनजातियों की भी उन्न्ति का मार्ग प्रशस्त होगा।

छत्तीसगढ़ शासन, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग रायपुर के आदेश पर जिला मुख्यालय में 23 नवंबर 2019 को विशेष पिछड़ी जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए सहायक ग्रेड-तीन के तीन पद की वेकेंसी जारी की गई थी। पद के लिए 12वीं पास के साथ कंप्यूटर कोर्स अनिवार्य था। इस पद के लिए योग्यता साबित करते हुए पहाड़ी कोरवा युवती राजकुमारी सिंह ने वह कमाल कर दिखाया है, जो उससे पहले प्रदेश में किसी और संरक्षित जनजाति ने नहीं किया था। गढ़उपरोड़ा पंचायत के कदझेरिया गांव की राजकुमारी ने 12वीं पास होने के साथ कंप्यूटर एप्लीकेशन में डिप्लोमा प्राप्त कर यह पात्रता हासिल की और जल्द ही वह शासकीय सेवा में लिपिक पद पर चुनी जाने वाली प्रदेश की पहली व एकमात्र पहाड़ी कोरवा बेटी होगी। राजकुमारी के पिता नहीं हैं, जबकि पांच बहनों में वही आठवीं से ज्यादा पढ़ सकी।

सबने अंगूठा लगाया, उसने अंग्रेजी में किए हस्ताक्षर

कार्यालय परियोजना प्रशासक के लिपिक राकेश पैकरा ने बताया कि एक बार वे एलईडी बल्ब वितरण करने पूर्व परियोजना प्रशासक एके गढ़ेवाल के साथ दौरे पर कदझेरिया पहुंचे। गांव में राजकुमारी भी अपने घर के लिए बल्ब लेने पहुंची। हमने देखा कि वहां सभी बल्ब रिसीव कर अंगूठा लगा रहे थे और यह पहाड़ी कोरवा बालिका ने अंग्रेजी में हस्ताक्षर किए। उससे पूछा तो बताया कि 12वीं पास है, आगे भी पढ़ना चाहती है। पैकरा ने ही उसे लिपिक पद के लिए आवेदन भराया। कंप्यूटर योग्यता के अभाव में चयन नहीं हुआ। तब उसे आर्थिक मदद प्रदान कर एमएलसी कंप्यूटर संस्था से डीसीए का कोर्स करा फिर से आवेदन दिया और उसे पात्रता मिल गई।

वित्त विभाग की अनुमति का इंतजार

कलेक्टोरेट के लिए राज्यपाल की अनुशंसा से दो पद विशेष रूप से वेकेंसी जारी की गई थी। इन पदों पर केवल विशेष पिछड़ी आदिम जातियों की ही भर्ती की जानी है, जिनमें पहाड़ी कोरवा व बिरहोर आदिवासी शामिल हैं। इस बीच वित्त विभाग से एक निर्देश जारी हुआ, जिसमें बिना वित्त विभाग की अनुमति के कोई भी भर्ती न करने के आदेश दिए गए थे। इस निर्देश के परिपालन में भर्ती व नियुक्ति की अनुमति के लिए कलेक्टोरेट की ओर वित्त विभाग को लिखा गया है। अनुमति प्राप्त होते ही राजकुमारी की नियुक्ति हो जाएगी। 

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