'सिर्फ आत्‍मरक्षा के लिए ही नहीं आत्‍मविश्‍वास के लिए भी महिलाओं को सीखना चाहिए कराटे'

कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री ने कहा कि मार्शल आर्ट लोगों को सशक्‍त बनाता है, खास तौर से महिलाओं को और इसलिए यह उनके लिए बेहद जरूरी है।

By Pratibha KumariEdited By: Publish:Sun, 05 Nov 2017 10:40 AM (IST) Updated:Sun, 05 Nov 2017 11:18 AM (IST)
'सिर्फ आत्‍मरक्षा के लिए ही नहीं आत्‍मविश्‍वास के लिए भी महिलाओं को सीखना चाहिए कराटे'
'सिर्फ आत्‍मरक्षा के लिए ही नहीं आत्‍मविश्‍वास के लिए भी महिलाओं को सीखना चाहिए कराटे'

मंगलुरु, एएनआइ। महिलाओं को कराटे जैसे मार्शल आर्ट सीखने चाहिए, जो उन्‍हें ना सिर्फ परेशान करने वालों से बचाते हैं बल्कि आत्‍मविश्‍वासी भी बनाते हैं। यह बात कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री सिद्धरमैया ने यह बात कही।

सेल्‍फ डिफेंस स्‍कूल ऑफ इंडियन कराटे मंगलुरु डोजो द्वारा आयोजित दो दिवसीय इंडियन कराटे चैंपियनशिप 2017 का उद्घाटन करते हुए उन्‍होंने कहा, मैं क‍विता सनिल (मेयर) को जानता हूं कि वह एक कराटे चैंपियनशिप हैं और चाहता हूं कि हर लड़की उनकी तरह बने। मार्शल आर्ट लोगों को सशक्‍त बनाता है, खास तौर से महिलाओं को और इसलिए यह उनके लिए बेहद जरूरी है।

सिद्धरमैया ने यह भी बताया कि मेयर ने उन्‍हें व्‍यक्तिगत तौर पर भी और मंत्री बी रामानाथ राव के जरिए भी इस कार्यक्रम के उद्घाटन को लेकर कहा था। उन्‍होंने अकेले दम पर इस कार्यक्रम को आयोजित करने में दिलचस्‍पी दिखाई। इस मौके पर उन्‍होंने कविता सनिल के साथ कराटे के कुछ नमूने में देखे। बाद में सिद्धरमैया ने चैंपियनशिप ट्रॉफी का अनावरण भी किया।

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