परिजनों की कैद से छुड़ा युवती को पति को सौंपा

दूसरे समुदाय के युवक से प्रेम विवाह कर चुकी युवती को परिजनों ने धोखे से घर लाकर बंधक बना लिया। परिजनों को डर था कि उनकी बेटी कहीं लव-जिहाद की भेंट न चढ़ जाए। युवती अपने पति से किसी कीमत पर दूर होना नहीं चाहती थी। यह देखकर परिजनों ने उसके बाल काटने की कोशिश की ताकि, वह घर से ब

By Edited By: Publish:Mon, 15 Sep 2014 08:57 AM (IST) Updated:Mon, 15 Sep 2014 08:58 AM (IST)
परिजनों की कैद से छुड़ा युवती को पति को सौंपा

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। दूसरे समुदाय के युवक से प्रेम विवाह कर चुकी युवती को परिजनों ने धोखे से घर लाकर बंधक बना लिया। परिजनों को डर था कि उनकी बेटी कहीं लव-जिहाद की भेंट न चढ़ जाए। युवती अपने पति से किसी कीमत पर दूर होना नहीं चाहती थी। यह देखकर परिजनों ने उसके बाल काटने की कोशिश की ताकि, वह घर से बाहर न निकल पाए। मौका पाकर युवती ने पड़ोसी के मोबाइल फोन से अपने पति को मामले की सूचना दी। महिला आयोग के हस्तक्षेप से युवती को मुक्त कराकर उसके पति को सौंप दिया गया है।

पहाड़गंज की कठपुतली कालोनी में रहने वाली चौबीस वर्षीय युवती ने मार्च महीने में खानपुर के रहने वाले समीर आलम से प्रेम विवाह किया था। शादी के बाद युवती की मां भी उससे मिलने ससुराल जाती थी। बीच में युवती भी अपनी मां के पास आती रहती थी। गत दो सितंबर को युवती की मां ने खानपुर पहुंचकर बेटी को बताया उसके पिता का एक्सीडेंट हो गया है। युवती बिना कुछ सोचे मां के साथ पिता को देखने आ गई। मायके आकर उसे पता चला परिजनों ने झूठ बोला था। उसके पिता एकदम ठीक थे।

मायके आने के बाद परिजनों ने उसे पति के पास भेजने से मना कर दिया। रिश्तेदारों को बुलाकर उस पर पति से नाता तोड़ने के लिए दबाव बनाया जाने लगा। युवती किसी सूरत में जब तैयारी नहीं हुई तो उसे कमरे में बंद कर दिया गया। उसको निगरानी में रखा जाने लगा। इस दौरान बड़ी बहन द्वारा उसे पीटा गया। जीजा ने उसके माता पिता को सलाह दी कि उसे गंजा कर दिया जाए तो वह शर्म से कहीं भी नहीं जा पाएगी। घरवालों ने गंजा तो नहीं किया परंतु उसके बाल काट दिए थे। इस दौरान मौका देखकर एक दिन युवती बाथरूम के जरिये घर की छत पर पहुंची। पड़ोसन से मोबाइल लेकर उसने पति को एसएमएस कर बताया कि उसकी जान को खतरा है। महिला आयोग की अधिवक्ता सुब्रा मेंहदीरत्ता के अनुसार युवती के पति समीर ने मुख्यमंत्री की महिला हेल्पलाइन संख्या 181 पर कॉल की थी। वहां से इस कॉल को दिल्ली महिला आयोग की हेल्पलाइन 1800119292 पर ट्रांसफर कर दिया गया। काउंसलर सुमन लता और पर्ल ने शुक्रवार को कालोनी में जाकर पुलिस की मदद से युवती को मुक्त कराया। युवती के बयान लेने के बाद उसे पति को सौंप दिया गया। परिजनों का इस संबंध में कहना था कि उन्होंने लव जिहाद के बारे में सुना तो वह डर गए थे।

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