अमेरिका से उकता चुके हैं भारतीय, स्थायी आवास के लिए यह देश कर रहा उन्हें आमंत्रित

कनाडा का एक्सप्रेस एंट्री कार्यक्रम स्थायी निवास लेने के लिए शीर्ष रैंकिंग उम्मीदवारों को आमंत्रित कर रहा है।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Mon, 18 Jun 2018 12:38 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jun 2018 02:08 PM (IST)
अमेरिका से उकता चुके हैं भारतीय, स्थायी आवास के लिए यह देश कर रहा उन्हें आमंत्रित
अमेरिका से उकता चुके हैं भारतीय, स्थायी आवास के लिए यह देश कर रहा उन्हें आमंत्रित

नई दिल्ली (जेएनएन)। भारतीयों को विदेशों में काम करना और बसना शुरू से ही रास आता रहा है। आर्थिक यही कारण है कि कई देशों ने भी अपने प्रवासी कार्यक्रमों की शुरुआत की है। इस मामले में कनाडा प्रमुख देश है। हाल के वर्षों में कनाडा भारतीयों के लिए पहली पसंद बन गया है, चाहे वह पढ़ाई को लेकर हो, घूमने के लिए हो या काम करने के उद्देश्य से। सस्ता और अनुकूल होने के कारण प्रवास के लिए प्रमुख कार्यक्रम चलाने वाला कनाडा भारत के लिए एक बेहतरीन गंतव्य के रूप में उभरा है। जानते हैं कि वे कौन से कारण हैं जो भारतीयों को कनाडा भा रहा है।

कनाडा का प्रवास कार्यक्रम भारतीयों को कर रहा आकर्षित
कनाडा का एक्सप्रेस एंट्री कार्यक्रम स्थायी निवास लेने के लिए शीर्ष रैंकिंग उम्मीदवारों को आमंत्रित कर रहा है। इस योजना के तहत, 2017 में भेजे गए 86,022 निमंत्रणों में से लगभग 42% (36,310) भारतीय नागरिकता रखने वालों के लिए थे। भारतीय नागिरक कनाडा के एक्सप्रेस एंट्री कार्यक्रम के बारे में बेहद उत्साहित दिखाई दे रहे हैं। एक्सप्रेस एंट्री आर्थिक प्रवास के लिए कनाडा का बड़ा कार्यक्रम है। 2016 में, कनाडा में भारतीय नागरिकता रखने वाले लोगों को भेजे गए आमंत्रणों की संख्या केवल 11,037 थी, जिसमें एक साल बाद 200% से अधिक की वृद्धि हुई है।

ग्रीन कार्ड का इंतजार कौन करे
हाल ही में कनाडाई सरकार के आप्रवासन विभाग द्वारा जारी एक्सप्रेस एंट्री साल-अंत रिपोर्ट, 2017 के अनुसार, 2017 में एक्सप्रेस एंट्री कार्यक्रम के तहत स्थायी निवास के लिए एक लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे, 86,022 निमंत्रण भेजे गए थे और 65,401 स्थायी निवासी और उनके परिवारों को कनाडा में भर्ती कराया गया।इनमें से 26,000 से अधिक भारतीय यानि लगभग 40% कनाडा में स्थायी निवासी बने।

उकता चुके हैं अमेरिका जैसे देशों से
उन आवेदकों में से जिनके पास नौकरी की पेशकश थी और उन्हें जल्दी ही स्थायी निवासियों के रूप में लिया गया। सूचना प्रणाली विश्लेषकों, सॉफ्टवेयर इंजीनियरों और डिजाइनरों, कंप्यूटर प्रोग्रामर और विश्वविद्यालय लेक्चरर जैसे व्यवसाय चार्ट में सबसे ऊपर थे। ये आंकड़े, कनाडाई स्थायी निवास के लिए चुनने वाले भारतीयो की संख्या में वृद्धि दर्शाते हुए, इस विश्वास को मजबूत करते हैं कि कई एच -1 बी वीजा धारक वाले बाकी देशों खासकर अमेरिका से उकता चुके हैं। अमेरिका में ग्रीन कार्ड की अनंत प्रतीक्षा अब उन्हें कनाडा भेज रही है।

इस कारण कनाडा की तरफ हो रहे आकर्षित
फिलहाल, अमेरिका में तीन लाख से अधिक भारतीय ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा कर रहे हैं, वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक के सीएटीओ इंस्टीट्यूट का कहना है कि ग्रीन कार्ड बैकलॉग में दिया गया है, जो उन्नत डिग्री वाले भारतीयों की प्रतीक्षा अवधि (ईबी- 2 श्रेणी) 151 साल तक हो सकती है।

टोरंटो में अब एक टेक एक्सपर्ट करण सचदेव, उन लोगों में से हैं जिन्होंने यह कदम उठाया। करण का कहना है कि ‘मैं एच -1 बी वीजा पर छः वर्षों तक अमेरिका में रहा था। कैलिफ़ोर्निया में बहुत अच्छा जीवन जी रहा था। फिर, मुझे एहसास हुआ कि मैं और अधिक स्वतंत्रता चाहता था जो एच -1 बी वीजा के तहत संभव नहीं था।’

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